मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में कोटा में होगी कांग्रेसी की वापसी- कन्हैया गंधर्व
जनपद सभापति ने की सीएम से भेंट मुलाकात, समर्थकों में दोगुना उत्साह का माहौल
कोटा विधानसभा क्षेत्र के दीवालों में रंग रोगन कराने वाले अवसरवादी कांग्रेस नेताओं को लगा तगड़ा झटका
बिलासपुर, कांग्रेस के वर्चस्व वाले कोटा विधानसभा क्षेत्र इन दिनों खूब चर्चा में हैं। एक ओर यहां की जनता स्थानीय उम्मीदवार की मांग कर रही है तो वहीं दूसरी ओर अवसरवादी नेता कोटा विधानसभा क्षेत्र के दीवारों में रंग-रोगन कर चुनावी भूखार उतार रहे हैं, उन्हें लगता है कि वे ही जमीनी नेता हैं। कोटा जनपद के सभापति ब्लाक कांग्रेस कमेटी के कार्यकारणी अध्यक्ष कन्हैंया गंधर्व की मुख्यमंत्री से भेंट मुलाकात की चर्चा कांग्रेस के गलियारों में जोर-शोर से हो रही है। दीवालों में बैनर पोस्टर के माध्यम से अपनी राजनीति रोटी सेंकने वाले नेताओं की बोलती बंद हो गई है। उन्हें यह समझ में आ गया है कि लोगों के दिलों में राज करना और झूठी राजनीति में जमीन आसमान का फर्क है। बहरहाल टिकट किसके नाम पर कटती है, और कौन चुनाव में जीत दिला सकता है इस पर कांग्रेस आला कमान गंभीरता से विचार कर रही है। क्योंकि कोटा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ है, इस सीट पर अभी जोगी परिवार का कब्जा है। कोटा विधानसभा क्षेत्र के युवा उम्मीदवार कन्हैया गंधर्व ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी चुनाव में जीत दर्ज करेगी। इसके लिए रणनीति तय की जा रही है। मूल-भूत सुविधाओं से वंचित लोगों के लिए कांग्रेस ने जो योजनाएं बनाई इसका कोई तोड़ नहीं है। भाजपा का तो यहां शुरू से नामों निशान नहीं रहा है। आने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कोटा में कांग्रेस का परचम लहराएगा। हमारे द्वारा पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर समाज के हर तबके के लोगों को एकत्र किया जा रहा है। कोटा में कांग्रेस के पक्ष में माहौल है। हाल ही में सीएम हाउस से लौटे कोटा जनपद सभापति व ब्लॉक कार्यकारणी अध्यक्ष कन्हैया गंधर्व की उम्मीदवारी को लेकर जोर-शोर से चर्चा हो रही है। युवा, बुर्जुग सहित महिलाओं द्वारा उन्हें बधाई देते हुए कोटा विधानसभा सीट से टिकिट देने की मांग जा रही है। यहां अवसरवादी नेताओं को सबक सिखाने और स्थानीय उम्मीदवार को आगे बढ़ाने की वकालत शुरू हो गई है। हालांकि चुनाव में अभी वक्त है। किंतु लोगों में माहौल बनना शुरू हो गया है।
शहरी नेताओं का नाम भी चर्चा में
कोटा विधानसभा को शुरू से महत्वपूर्ण माना जाता है। स्व. अजीत जोगी की लोकप्रियता के कारण कोटा विधानसभा सीट से डॉ. रेणु जोगी विधायक हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में शहरी कांग्रेसी नेता भी चुनाव लडऩे ऊपर तक पहुंच लगा रहे हैं। किंतु ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस आला कमान सर्वे कराकर जीतने वाले उम्मीदवार को ही मौका देगी। गांव-गरीब और किसान के लिए समर्पित भूपेश सरकार कोटा सीट के लिए सोच-समझकर कांग्रेस प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी। ऐसा भी माना जा रहा है कि जमीनी पकड़ वाले उम्मीदवार मौका दिया जा सकता है।
आधा दर्जन से भी ज्यादा है उम्मीदवारों की सूची
कोटा विधानसभा से चुनाव लडऩे वालों के चेहरे अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। लगभग आधा दर्जन से ज्यादा उम्मीदवार टिकिट की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री, टीएस बाबा के अलावा कांग्रेसी प्रदेश अध्यक्ष से लगातार संपर्क बना रहे हैं। विजय केशरवानी, अरुण चौहान, विभोर सिंह, संदीप शुक्ला, कन्हैया गंधर्व, आदित्य मिश्रा टिकट की मांग कर रहे हैं। इनके अलावा दो बड़े कांग्रेसी नेता भी कोटा की ओर रूख कर सकते हैं।