संविधान आधुनिक भारत का सर्वोत्तम लेखन है : कुलपति प्रो. सिंह
हिंदी विवि में संविधान दिवस पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन
वर्धा: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में मंगलवार, 26 नवम्बर को संविधान दिवस पर आयोजित व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि संविधान आधुनिक भारत का सर्वोत्तम लेखन है। संविधान के निर्माण में सबसे उर्वर मस्तिष्क के लोग थे जिन्होंने अथक परिश्रम और मेहनत से संविधान को तैयार किया। बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान का मसौदा तैयार किया। उस वक्त उन्होंने कहा था कि हम अंतर्विरोध के नए युग में प्रवेश करने जा रहे है। आर्थिक और सामाजिक असमानताओं और गैरबराबरी को लेकर उन्होंने चेतावनी दी थी। आज भी हमारे सामने अनेक चुनौतियां हैं। हमे इन समस्याओं से निपटना होगा। उन्होंने नई पीढ़ी से उम्मीद जताते हुए कहा कि समाज में समानता लाने के लिए काम करना चाहिए।
मुख्य अतिथि विधि सेवा प्राधिकरण, वर्धा के सचिव न्यायाधीश विवेक देशमुख ने कहा कि संविधान सर्वोच्च कानून है। इन कानूनों के माध्यम से नागरिक अपने हितों की रक्षा कर सकता है। संविधान में दिए हुए अधिकार हमें ढाल बनकर हक दिलाते है। हमें अपने कर्तव्य को समझकर संविधान के तहत काम करना चाहिए। उन्होंने संविधान निर्माण की रोचक बाते साझा करते हुए कहा कि संविधान में अंतर्भूत समता, स्वतंत्रता और बंधुता का भाव हमारी संस्कृति में निहित है। हमारा संविधान जितना लचिला है उतना ही कठोर है।
कुलसचिव प्रो. आनन्द पाटील ने कहा कि संविधान को समग्र रूप में जानना जरूरी है। यह हमारे लिए धर्म ग्रंथ के रूप में है। उन्होंने सन 2015 से संविधान दिवस बनाए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की सराहना की और कहा कि इस बहाने हमें संविधान को जानना-समझना चाहिए।
इस अवसर पर विवि विद्यापीठ द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रमाणपत्रों का वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन संविधान कार्यक्रम आयोजन के नोडल अधिकारी एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. बालाजी चिरडे ने किया। स्वागत वक्तव्य विधि विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. जनार्दन कुमार तिवारी ने दिया तथा विधि विभाग के अतिथि अध्यापक डॉ. युवराज खरे ने आभार माना। कार्यक्रम का प्रारंभ कुलगीत से हुआ तथा समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। कस्तूरबा सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।