Corona Virus का पता लगाने वाले डॉक्टर पर गिरी गाज, चीनी सरकार ने किया ये घिनौना काम


नई दिल्ली. चीनी सरकार अपने खिलाफ किसी भी खबर को देश के बाहर नहीं जाने देती. चाहे उसकी वजह से दूसरे देशों में कोई भी आपदा आ जाए. चीनी सरकार अपनी साख बचाने के लिए कोई भी कदम उठाने से नहीं हिचकती. मौजूदा कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण मामले में भी चीनी सरकार ने ऐसा ही एक घिनौना काम किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस चीनी डॉक्टर ने सबसे पहले कोरोना वायरस की खोज की और लोगों को इसकी जानकारी दी, चीनी सरकार ने उसे ही ‘गायब’ कर दिया है.

विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक 30 दिसंबर को पहली बार वुहान शहर के डॉक्टर ली वेनलियांग ने पहली बार सोशल ऐप WeChat में के जरिए लोगों से कोरोना वायरस के बारे में जानकारी साझा की थी. अपने पोस्ट में डॉ. ली ने लिखा था कि शहर के नजदीकी मछली बाजार में एक सार्स जैसा वायरस पाया गया है. इसके संक्रमण की वजह से लगभग सात लोगों को अस्पताल के अलग वार्ड में दाखिल किया गया है. पहली बार डॉ. ली ने ही कोरोना वायरस को खोजा था.

अब ‘गायब’ हो गए हैं डॉक्टर 
अंतरराष्ट्रीय साइटों के मुताबिक डॉ. ली द्वारा इस खबर को सोशस साइट में साझा किए जाने के तुरंत बाद ही स्थानीय वुहान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. इसके कुछ दिनों बाद डॉ. ली वेनलियांग ‘गायब’ हो चुके हैं. आखिरी पोस्ट में उन्होने लिखा था कि वे कोरोना वायरस से ग्रसित हो चुके हैं. लेकिन कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया के हवाले से खबर है कि चीन अपने देश के किसी भी नेगेटिव खबर के खिलाफ काफी सख्ती से पेश आता है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि डॉक्टर ली को मौत की सजा दे दी गई हो.

सोशल मीडिया पर हो रही सख्ती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन संक्रमण रोकने के लिए डाक्टरों और अस्पतालों की सेवाओं को मुस्तैद करने के बजाए सोशल मीडिया पर निंयत्रण पर ज्यादा ध्यान दे रहा है. चीनी सरकार ने देश की खबर दुनिया से छिपाने के लिए सभी सोशल मीडिया साइटों और ऐप्स पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. चीनी सरकार ने सभी नागरिकों को संक्रमण नियंत्रण तक किसी भी माइक्रो साइट या ऐप पर कोरोना वायरस के बारे में जानकारी देने से मना किया है.

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