राज भवन द्वारा आरक्षण विधेयक रोकने के विरूद्ध दायर याचिका पर बहस करने शासन की ओर से देश के प्रसिद्ध वकील कपिल सिब्बल उपस्थित हुए
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विधानसभा से आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से पारित होने के बाद भी अकारण रोके जाने को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिसमें शासन का पक्ष रखने के लिए आज सुनवाई के दौरान माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में देश के प्रसिद्ध अधिवक्ता कपिल सिब्बल उपस्थित हुए, कपिल सिब्बल दिल्ली से चार्टर प्लेन से बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट चकरभाटा बिलासपुर पहुंचे, उनके साथ उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा और उनकी 5 सदस्यीय अधिवक्ताओं की टीम थी। चकरभाटा एयरपोर्ट पर अगवानी पर्यटन मंडल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, सहकारी बैंक अध्यक्ष प्रमोद नायक ने की। प्रातः 10.00 बजे कपिल सिब्बल जी चकरभाटा पहुंचे और सीधे उच्च न्यायालय के लिए रवाना हो गये।
राज्य सरकार के द्वारा आरक्षण विधेयक जो कि विधानसभा में दिसम्बर 2022 को पारित करके माननीय राज्यपाल महोदया को स्वीकृति हेतु भेजा गया था, जिसे राज्यपाल महोदया द्वारा अनुच्छेद 200 के तहत् संविधान के विपरित रोके रखा है, उनके इस कार्यप्रणाली से पीड़ित होकर राज्य शासन ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करते हुए उनसे नोटिस जारी कर जवाब मंगवाने का निवेदन किया था। उपरोक्त मामले की सुनवाई के दौरान माननीय उच्च न्यायालय के बैंच न्यायमूर्ति श्री रजनी दुबे के द्वारा राजभवन को नोटिस जारी करते हुए 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री कपिल सिब्बल एवं महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने शासन का पक्ष रखा। अधिवक्ताओं ने यह तर्क रखा कि अनुच्छेद 200 के अंतर्गत जो अधिकार प्राप्त है, जिसमें या तो महामहिम राज्यपाल हस्ताक्षर करें या बिल वापस करें या राष्ट्रपति को प्रेषित करें। प्रक्रियाओं का पालन ना करते हुए महामहिम राज्यपाल ने राज भवन में बिल के विपरित रोके रखा है।अटल श्रीवास्तव, प्रमोद नायक ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं उनकी टीम को सुनवाई के पश्चात् वापस एयरपोर्ट गये, जहां से वे वापस दिल्ली रवाना हो गये।