न्यायालय ने लूट करने वाले आरोपी को भेजा जेल

बड़वानी. न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुश्री आभा गवली अंजड, जिला बड़वानी ने लूट करने के आरोप में आरोपीगण मिथून उर्फ भययू पिता सुभाष निवासी रणगांव एवं सोनू उर्फ लखन पिता शंकर निवासी अंजड को धारा 392 भादवि में भेजा जेल। अभियोजन की ओर से पैरवी अकरम खान मंसूरी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अंजड़ जिला बड़वानी द्वारा की गई। अभियोजन मीडिया प्रभारी सुश्री कीर्ति चौहान सहायक जिला अभियोजन अधिकारी बड़वानी द्वारा बताया गया कि घटना दिनांक 30.06.2021 को सुबह 06ः20 बजे की है। फरियादी प्रफुल मालवीय जो कि भारत फायनेंस में ऐजेंट का काम करता है वह शिक्षक नगर अंजड़ स्थित अपने रूम से कंपनी द्वारा दी गई मोटर सायकल क्रमांक एम.पी.37 एम.एन. 7572 से कलेक्शन के लिये ब्रांच ऑफिस अक्षर धाम कालोनी अंजड़ पहुंचा। वहां से कलेक्शन संबंधी डेटा कंपनी के टेब जो सेमसंग कंपनी का है व जिसमें सीम नंबर 6302754871 है, स्केनर लोन कार्ड डायरी कंपनी से उपलब्ध काले रंग के बेग में लेकर मोटर सायकल से ग्राम गवला के लिए रवाना हुआ यहां पर फरियादी चार महिलाओं के ग्रुप से किश्त की राशि रूप्यों में अलग-अलग कलेक्ट करी बाद में ग्राम दवाना सेंटर पहुंचकर 12 ग्रुप से किश्त राशि का कलेक्श्न किया अंतिम कलेक्श्न हेतु ग्राम ब्राम्हणगांव नर्मदा नदी किनारे घाट व अंागनवाडी पर गया जहां फरियादी ने 09 ग्रुप से भी किश्त कलेक्ट की। उक्त संपूर्ण राशि को फरियादी अपने काले बेग में रखा था व राशि इकट्ठा करने का संपूर्ण ब्यौरा कपंनी द्वारा दिये गये टेब में इंट्री किया था बेग मोटर सायकल की पेट्रोल टंकी पर रखकर फरियादी वापस दवाना तरफ आ रहा था तभी रास्ते में नीम के पेड के पास दो लड़के जो काले रंग की बिना नंबर की मोटर सायकल पर बैठकर आये और पीछे बैठे लड़के ने फरियादी की मोटर सायकल को लात मारकर गिरा दिया। मोटर सायकल गिरने से फरियादी का संतुलन बिगड़ गया और हेंडल पर टंगा हेलमेट का कांच टुट गया। मोटर सायकल चालक मोटर सायकल र ही बैठा था पीछे बैठा लड़का मोटर सायकल सेे उतर कर आया आया और फरियादी को पिस्तौल दिखाकर काला बेग छीन लिया जिसमें रूपये, टैब, स्केनर, डायरी आदि रखी थी और पिस्तौल दिखाते हुए दोनों आरोपीगण दवाना तरफ भाग गये। जिस पर से फरियादी द्वारा थाना ठीकरी पर रिर्पोेट लिखवाई गयी। रिपोर्ट पर से थाना ठीकरी पर अपराध क्रं. 306/21 धारा 392 भादवि के अंतर्गत आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। आरोपीगण को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय द्वारा आरोपीगण को जेल भेजा गया।