कोवेंट्री यूनिवर्सिटी ग्रुप और गीतम ने भारत और ब्रिटेन में शोध छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए किया ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर

 

 भारत – कोवेंट्री यूनिवर्सिटी ग्रुप और गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (गीतम) ने भारत और ब्रिटेन, दोनों देशों में छात्रों के लिए अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने, शोध बढ़ाने और वैश्विक स्तर के शैक्षणिक अवसर पैदा करने के संबंध में गठजोड़ करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह गठजोड़, दो अग्रणी संस्थानों के बीच संबंध को प्रगाढ़ करने और नवोन्मेष तथा ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए नए रास्ते खोलने की दिशा में बड़ा कदम है।

इस समझौते के तहत दोहरी डिग्री वाले पीएचडी कार्यक्रम का निर्माण होगा जो डॉक्टरेट शोधार्थियों को दोनों संस्थानों में फैले वैश्विक रूप से अनुप्रयुक्त अनुसंधान नेटवर्क में जोड़ेगा। इस पहल के माध्यम से, छात्रों को गीतम और कोवेंट्री यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के संयुक्त पर्यवेक्षण का लाभ मिलेगा, जिससे उन्हें दोनों देशों में विश्व स्तरीय अनुसंधान ढांचे, उद्योग सहयोग और वित्त पोषण के अवसरों तक पहुंच मिलेगी।

गीतम के लिए, यह किसी विदेशी संस्थान – कोवेंट्री विश्वविद्यालय के सहयोग से दोहरी डिग्री पीएचडी का पहला कार्यक्रम है। यह भारत में पहला ऐसा अनूठा अकादमिक गठजोड़ है जो दोहरी डिग्री पीएचडी की ओर ले जाएगा। पिछले 14 महीनों में, कोवेंट्री विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कार्ल पेरिन (सहायक प्रति कुलपति शोध) और प्रोफेसर केएनएस आचार्य (प्रति कुलपति, गीतम, बैंगलोर) के नेतृत्व में अकादमिक टीमों ने तालमेल के क्षेत्रों और संबंधित संस्थानों के लिए इस सहयोग को सफल बनाने के लिए ऑपरेटिंग मॉडल की पहचान करने की दिशा में अथक प्रयास किया है।

ब्रिटेन और भारत के छात्रों और शिक्षकों के लिए लाभ

  • बेहतर सीखने का अनुभव:छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय शोध परियोजनाओं में शामिल होने, दोहरी मान्यता प्राप्त करने और वैश्विक शैक्षणिक दृष्टिकोण विकसित करने का अवसर मिलेगा।
  • उद्योग संबद्ध अनुसंधान:यह कार्यक्रम उद्योग और सामाजिक प्रासंगिकता के अनुरूप अनुसंधान पर केंद्रित है, जिसमें स्वच्छ गतिशीलता, जलवायु लचीलापन, उन्नत स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी और स्मार्ट बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
  • वैश्विक कैरियर की संभावनाएं:यह सहयोग छात्रों को शोध विशेषज्ञता, क्रॉस-कल्चरल एक्सपोज़र और कोवेंट्री के वैश्विक उद्योग नेटवर्क तक पहुंच प्रदान कर रोज़गार क्षमता को बढ़ाता है।
  • शैक्षणिक स्तर पर विकास: शिक्षकों के संयुक्त आदान-प्रदान,सह-लेखक प्रकाशन और सहयोगी अनुदान आवेदन शोध आउटपुट और पेशेवर विकास को समृद्ध करेंगे।

अकादमिक उत्कृष्टता के लिए वैश्विक सहयोग

यह समझौता कोवेंट्री यूनिवर्सिटी ग्रुप की व्यापक वैश्विक रणनीति का हिस्सा है, जो पिछले साल नई दिल्ली में इसके इंडिया ग्लोबल हब के उद्घाटन के दृष्टिकोण से मेल खाता है। विश्वविद्यालय अफ्रीका, चीन, ब्रसेल्स और सिंगापुर में ग्लोबल हब का संचालन कर दुनिया भर के संस्थानों, सरकारों और उद्योगों के साथ कामकाजी संबंधों को बढ़ावा देता है।

कोवेंट्री यूनिवर्सिटी में अनुसंधान के लिए उप-कुलपति, प्रोफेसर रिचर्ड डैशवुड ने गीतम के साथ मिलकर काम करने की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर देते हुए कहा, “गीतम के साथ यह सहयोग वास्तविक दुनिया के प्रभाव के साथ वैश्विक अनुसंधान उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। संयुक्त अनुसंधान, शिक्षकों और छात्रों के आदान-प्रदान जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, हम एक ऐसा परितंत्र बना रहे हैं जहां न केवल ज्ञान साझा किया जाता हो बल्कि इसका सह-निर्माण भी हो। इससे छात्रों और शोधकर्ताओं को वास्तव में अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक अनुभव से लाभान्वित होते हुए वैश्विक चुनौतियों में सार्थक रूप से योगदान करने की अनुमति मिलेगी।”

अनुसंधान और नवोन्मेष का विस्तार

भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान, गीतम का लक्ष्य है, अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से अपनी शोध क्षमता बढ़ाना। यह समझौता दोनों विश्वविद्यालयों को संयुक्त अनुसंधान अनुदान के लिए आवेदन करने और कृषि पारिस्थितिकी, जल एवं वहनीयता, भविष्य के अनुकूल परिवहन, स्वायत्त प्रणालियों, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य सेवा और जीवन विज्ञान, व्यवसाय और कला, और आभासी एवं मिश्रित वास्तविकताओं (वर्चुअल एंड मिक्स्ड रियलिटीज़) जैसे प्रमुख क्षेत्रों में परियोजनाओं पर काम करने की अनुमति देगा।

गीतम के प्रति कुलपति (प्रो-वाइस चांसलर),  प्रोफेसर केएनएस आचार्य ने समझौते के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ” गीतम ऐसी सार्थक वैश्विक साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है जो प्रभावशाली शोध को बढ़ावा देती है। कोवेंट्री विश्वविद्यालय के साथ यह सहयोग केवल अकादमिक आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि दुनिया की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों के लिए सह-विकासशील समाधानों का खाका है। अपनी शोध क्षमता को अनुरूप बनाकर और पूरक विशेषज्ञता का लाभ उठाकर, हम अपने स्कॉलर (शोधार्थी) और शिक्षकों को नवोन्मेष और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने वाला गतिशील, अंतर्विषय (मल्टी डिसिप्लिनरी) मंच प्रदान करते हैं।”

हस्ताक्षर समारोह

6 मार्च को बैंगलोर में आयोजित हस्ताक्षर समारोह में दोनों संस्थानों के प्रमुख शैक्षणिक नेतृत्व ने भाग लिया, जिनमें शामिल रहे:

  • डॉ. एरोल डिसूजा,कुलपति, गीतम और प्रो. रिचर्ड डैशवुड, उप कुलपति (शोध), कोवेंट्री विश्वविद्यालय
  • प्रो. गुणशेखरन,रजिस्ट्रार, गीतम
  • प्रो. केएनएस आचार्य – प्रति कुलपति,गीतम  बैंगलोर कैंपस प्रो. एलेना गौरा, सहायक प्रति कुलपति (शोध), कोवेंट्री विश्वविद्यालय
  • प्रो. रोहित भगत,सेंटर डायरेक्टर, सेंटर फॉर ई-मोबिलिटी एंड क्लीन ग्रोथ
  • डॉ. मेघा माथुर,इंटरनेशनल रिसर्च एंड इनोवेशन मैनेजर, कोवेंट्री यूनिवर्सिटी ग्रुप-इंडिया हब

ब्रिटेन और भारत के बीच शैक्षिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाना

यह समझौता एक क्रांतिकारी गठजोड़ की शुरुआत का प्रतीक है, जो दोनों देशों के छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा, अत्याधुनिक शोध अवसरों और वास्तव में वैश्विक शैक्षणिक अनुभव तक पहुंच प्रदान करेगा।

अधिक जानकारी के लिए, कोवेंट्री यूनिवर्सिटी की इंडिया हब वेबसाइट पर जाएं।

गीतम के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया www.GITAM.edu पर लॉग इन करें।

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