लगातार बढ़ रहा है पत्रकारों के खिलाफ अपराध, छत्तीसगढ़ में भाजपा का जंगलराज
रायपुर. राजधानी रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ पत्रकार हरिमोहन तिवारी और उनकी पत्नी पर हुए जानलेवा हमले की निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा के जंगलराज में कोई भी वर्ग सुरक्षित नहीं है, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। पत्रकार परिवार घातक हमले का शिकार हुआ, शिकायत भी हुई, पत्रकारों के संगठनों ने भी राजधानी रायपुर के पुलिस कप्तान से मिलकर कठोर कार्यवाही की मांग की, लेकिन पुलिस प्रशासन अब तक मूकदर्शक बना हुआ है। सत्ता के संरक्षण में गुंडे बदमाशों का मनोबल बढ़ा हुआ है, गुंडा राज कायम हो गया है, प्रशासन का रवैया पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार के दावों की पोल खोलता है। यह कोई अकेली घटना नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में अपराधियों के बढ़ते आतंक का स्पष्ट संकेत है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों का जीवन खतरे में पड़ा है, फिर भी सरकारी तंत्र निष्क्रिय बना हुआ है। जब पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पा रही, तो सरकार की जिम्मेदारी की सारी दुहाई खोखले नारों से ज्यादा कुछ नहीं। सवाल यह है कि क्या भाजपा शासन में कानून व्यवस्था की यही दुर्दशा यथावत जारी रहेगा?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पत्रकार पर हुए हमले को लेकर स्थानीय निवासी बेहद आक्रोशित है। पत्रकार की हत्या के प्रयास के प्रकरण में मामूली धारा लगाकर केवल खानापूर्ति की गई है। आरोपियों के बाहरी गिरोह से संबंध का भी आरोप है, आरोप यह भी है कि एक आरोपी को नाबालिक बताकर, बिना गिरफ्तारी के थाने से ही छोड़ दिया गया। जांच के नाम पर लीपापोती और प्रशासन की अक्षमता से पत्रकार भयभीत हैं, यह सरकार भयमुक्त वातावरण देने में पूरी तरह असफल हो चुकी है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आने के बाद से लगातार पत्रकारों पर हमला हो रहा है, विगत दिनों लोरमी के टेकनपारा में पत्रकार प्रीतम दिवाकर उनकी पत्नी और बच्चों को घर में घुसकर लाठी, डंडों और धारदार हथियारों से जानलेवा हमला किया गया, प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में निजी कंपनी के बाउंसर पत्रकारों से मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी देते हैं। पिछले 23 महीनों के भाजपा सरकार में प्रदेश के 2 पत्रकारों की निर्मम हत्या कर दी गई, भ्रष्टाचार का स्टिंग करने वाले बस्तर के पत्रकार बप्पी राय सहित 4 पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखवाकर झूठे मामले में फसाया गया, जेल भेजे गए, आज भी वे न्यायालयों के चक्कर काटने मजबूर हैं। मंत्रालय में एक पत्रकार का गला दबाने की घटना भी सर्वविदित है, पत्रकारों को प्रताड़ित करने के ऐसे अनगिनत मामले है। भारतीय जनता पार्टी के कुशासन में पत्रकारों के खिलाफ अपराध और अत्याचार लगातार बढ़ रहा है।


