सीयू, अकादमिक नवाचार में अग्रणी- डॉ. अतुल कोठारी
भारतीय ज्ञान परंपरा का क्रियान्वयन विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला
बिलासपुर. गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा का क्रियान्वयन विषय पर दो दिवसीय (10-11 जुलाई, 2023) कार्यशाला का शुभारंभ दिनांक 10 जुलाई, 2023 को सुबह 10 बजे शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी जी के मुख्य आतिथ्य में हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर नीलांबरी दवे, पूर्व कुलपति, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय, राजकोट, गुजरात उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी कुलपति प्रो. अमित कुमार सक्सेना ने की।
कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर डॉ. अतुल कोठारी ने कहा कि अकादमिक नवाचार एवं नवीन शोध ही विश्वविद्यालय का कार्य है जिसमें गुरु घासीदास विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेखित भारतीय ज्ञान परंपरा को समग्रता के साथ इस विश्वविद्यालय में क्रियान्वित करने के लिए कार्य योजना का प्रारंभ होना आनंद का विषय है।
डॉ. कोठारी ने कहा कि हम पाठ्यक्रमों के माध्यम से ऐसे रास्तों का निर्माण कर रहे हैं जिन पर आने वाले समय अनेक विश्वविद्यालय इस पथ का अनुसंरण करेंगे। डॉ. कोठारी ने चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व के समग्र विकास की भारतीय संकल्पना विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय वैभवशाली एवं गौरवशाली पंचकोषीय ज्ञान अवधारणा से विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण एवं समग्र व्यक्तित्व विकास संभव है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी कुलपति प्रो. अमित कुमार सक्सेना ने कार्यशाला के आयोजन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल के कुशल मार्गदर्शन में भारतीय ज्ञान परंपरा के विषय विशेषज्ञों के साथ मिलकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम निर्माण का कार्य संपादित करेगा।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर मां सरस्वती एवं बाबा घासीदास के तैल चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। मंचस्थ अतिथियों को नन्हा पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। देशराज शर्मा, राष्ट्रीय संयोजक चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास ने कार्यशाला के विषय में जानकारी साझा करते कहा कि दो दिनों में सात सत्रों का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में पाठ्यचर्या के लिए साहित्य निर्माण पर कार्य किया जाएगा। अन्य अतिथियों में डॉ. मनोहर भंडारी एमबीबीएस एमडी, इंदौर म.प्र., प्रफुल्ल शर्मा, प्रांत संयोजक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, ओम प्रकाश शर्मा, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं कार्यशाला के समन्वयक प्रो. पी.के. बाजपेयी उपस्थित रहे। कार्यशाला के सह-समन्वयक प्रो. प्रवीण कुमार मिश्रा ने स्वागत उद्बोधन दिया।
मंचस्थ अतिथियों का शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मान किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव एवं संचालन डॉ. गरिमा तिवारी, सहायक प्राध्यापक ने किया। कार्यशाला में 20 समूहों का गठन किया गया है। जो प्रशिक्षण के विभिन्न विषयों पर विचार, परिचर्चा विश्लेषण, समीक्षा एवं निष्कषों पर विमर्श करेंगे।