मृत्यु शाश्वत,भगवत चिंतन कर मुक्त होना ही परीक्षित ज्ञान-पंडित विनय

बिलासपुर . श्रीमद्भागवत महापुराण में जीवों की मुक्ति के मार्ग बताए गए हैं राजा परीक्षित जिनकी मृत्यु सुनिश्चित हो चुकी है सुकदेव जी महाराज से पूछ रहे हैं कि जो मृत्यु द्वारा पर खड़ा हो उस जीव के क्या कर्तव्य है महामुने सुकदेव जी राजा के इसी भय चिंता शोक को शमन करने हेतु श्रीमद्भागवत पुराण का विस्तार करते हैं कथा व्यास पण्डित विनय मिश्र कहते हैं भागवत कथा मनुष्य की चिंता शोक आदि कष्टों से मुक्त कर देती है मृत्यु परम सत्य शाश्वत है परीक्षित की भांति इस शाश्वत ज्ञान का बोध कर सभी जीव भगवत चिंतन में लग जाएं सीपत के समीपस्थ ग्राम नवागांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ समारोह में व्यासपीठ पर आसीन पण्डित विनय मिश्र ने बताया कि जीव की जन्म लेते ही प्रति क्षण मृत्यु की ओर अग्रसर है इस बात को भली भांति जानकर अपने सभी कर्म ईश्वर को समर्पित करने से मन वचन कर्म और चित्त शुद्ध हो जाता है और यही से ही ईश्वर प्राप्ति के मार्ग प्रशस्त होते हैं कथा में तिरुपति पाटनवर बबिता पाटनवार पदम साहू मनहरण यादव विजय मिश्र खिलेश्वर साहू वीरेंद्र गहवाई क्षत्रपाल पाटनवर सहित श्रद्धालु जन उपस्थित थे

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!