February 13, 2025

परिसीमन गलत हुआ, 100 जगह ईवीएम बंद, मतदान प्रतिशत में कमी आई-भूपेश

रायपुर। पत्रकारो से चर्चा करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नगरीय निकाय के चुनाव संपन्न हुये और शांतिपूर्ण तरीके से हुये पर मतदाताओं को तकलीफ हुयी क्योंकि वार्ड का परीसिमन इस प्रकार से किया गया था वोटर कहीं का और मतदान कहीं पर और नाम इस प्रकार से काटा गया पत्नी का अलग बूथ में और पति का अलग बूथ में और कई तो ऐसे है घर कहीं पे है और पांच बूथ क्रास करके छठवे बूथ में मतदान करना पड़ा। परिसीमन गलत हुआ है इस मामले में हम लोगो ने शिकायत भी किया गया था। इसके कारण मतदान प्रतिशत में कमी आई है वह देखने को मिला। पूरे प्रदेश में 90 से 100 जगह ईवीएम बंद पाया गया। ईवीएम बंद हुए तो कुछ जल्दी बन गये और कुछ ईवीएम को घंटो लग गये बनने के लिये। जो बड़े शहर है उसमें मतदान प्रतिशत में कमी आई है। इस प्रकार से अव्यवस्था होती है तो लोग घर से नहीं निकलते मशीन बिगड़ा है करके यह कई जगह से शिकायत आयी है। नगर पंचायत, नगर पालिका में मतदान अच्छा हुआ है। लेकिन बड़े नगर निगमो में वोट प्रतिशत कम हुआ है। उसमें राजनैतिज्ञ विशेषज्ञ विशेलषण कर रहे है, किसको फायदा होगा, किसको नुकसान होगा। कांग्रेस पार्टी ने बहुत अच्छे ढंग से चुनाव लड़ा, सभी ने मिलजुलकर चुनाव लड़े और जो निगमो और नगर पंचायत, नगर पालिका स्पष्ट दिखाई दे रहा है उसमें कांग्रेस को अच्छी बढ़त मिलेगी और नगर निगमों में भी अच्छे रिजल्ट आयेंगे।

धान खरीदी के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि धान खरीदी 160 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा था लेकिन 145 लाख मीट्रिक टन की ही खरीदी हुई इसका मतलब ये है कि किसानों का धान बेचने के सारे हथकंडे अपनाये 15 लाख मीट्रिक टन कम खरीदी हुये है। ये स्थिति है। धान खरीदी लगातार कांग्रेस पार्टी दबाव बनाकर रखी और इस कारण से सरकार को बाध्य होना पड़ा और निश्चित रूप से 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुआ। टोकन की कमी, बारदाने की कमी, अनावारी रिपोर्ट में कमी किसानो को इस समय धान बेचने में काफी परेशान हुये। लेकिन कांग्रेस पार्टी लगातार किसानों के साथ खड़ी रही और सरकार को झूकना पड़ा और किसानो का धान खरीदना पड़ा।

सरकार के कुंभ स्नान के नियंत्रण पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कुंभ में अपनी श्रद्धा से जाना चाहिये। दान भी देना है तो अपने जेब से देना चाहिये। धर्म-कर्म करने जाना चाहिये तो अपने पैसे से जाना चाहिये। आज तो रविदास जयंती है उन्होंने कहा कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। पहले मन को साफ रखना तभी पुण्य मिलेगा। मन साफ नहीं है तो कुछ भी कर ले कुछ लाभ नहीं मिलेगा। वहां अव्यवस्था है जिनको व्यवस्था करना है वे लोग महाकुंभ में अपने आप को प्रचारित करने बार-बार दौरा कर रहे है। शासन का काम है व्यवस्था बनाना है दर्शनार्थियों के लिये। दूर-दूर से आये है वे दुकान लगाते है उनकी व्यवस्था करना था। अपने आपको प्रचारित करना नहीं है। आपका उद्देश्य गलत था यही कारण है कि जो भगदड़ मची उनके कपड़ा-लपता को उठाने जेसीबी लगाना पड़ा। महाकुंभ सरकारे नहीं थी तब भी होता था, सरकारे है तब भी हो रहा है। जनसंख्या बढ़ी है तो उसके हिसाब से व्यवस्था करना था। आप ये बता रहे है कि 15 से 20 करोड़ लोग स्थान कर रहे है आप इसकी गिनती कर रहे है। कितने लोग वहां अपने परिवार से बिछड़ गये? कितने लोग घायल हुए? कितने लोगों की मौतें हुई ये आज तक नहीं बता पा रहे है, ये छुपाना चाहते है। आप कहते है मोक्ष मिल गया, मोक्ष का मतलब समझते है अध्यात्म में, धर्म से ये शब्द है उच्च कोटि का है। जन्मांतर के जो कर्म कर रहे है और जो संस्कार है ये सब भोग नहीं कर लेते, चाहे अच्छे कर्म करे, चाहे बुरे कर्म करे, तब तक आपको मोक्ष नहीं मिलेगा।

लखन लाल देवांगन के भाई द्वारा घर घुस कर महिला को थप्पड़ मारने के सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पहली बात तो महिला को थप्पड़ मारा और मुद्दे बढ़ाए। सजग रहना चाहिये। जो भी काम करेगा उनके छवि पर असर पड़ेगा लेकिन ये इतने दबंग हो गये है कि भूल गये है कि सामने में महिला है कि पुरूष है। कानून हाथ में ले रहे है। कानून है तो कार्यवाही होना चाहिये।

राजधानी में 60 लाख की डकैती पर उन्होंने कहा चुनाव के दिन राजधानी में इतनी बड़ी घटना हो गयी। छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था तार-तार हो चुका है। राजधानी में रोज गोली चल रही है। हत्या हो रहे, बलात्कार हो रहे, सब कुछ यहां हो रहा है। न्यायधानी में अवैध शराब से लोगों की मौत हो गयी। सरकार छिपाने में लगी हुई है, ये जहरीली शराब से नहीं मछली खाने से हुआ है। इसी को सुशासन कहते है क्या? ये सुशासन नहीं कुशासन है। इस सरकार से अब लोगों का विश्वास उठते जा रहा है।
केंद्रीय बजट के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्रीय बजट आया है मीडिया में खूब छाया हुआ है। जैसे-जैसे समय बीतते जा रहा है और बजट का असलीयत लोग जान चुके है और सबको निराशा हो रही है। इस बजट में मजदूरों के लिये कुछ भी नहीं है। मनरेगा के दर तक नहीं बढ़ाया है प्रति माह महंगाई बढ़ गया लेकिन मनरेगा का दर बढ़ा नही और छत्तीसगढ़ में यह स्थिति है जो 13 लाख जो मनरेगा मजदूर थे उनका नाम काट दिया गया। किसानों के लिये भी बजट में कुछ नहीं, जो किसान लगातार एमएसपी की मांग कर रहे थे, वो भी नहीं मिला। नौजवानों के लिये कुछ भी नहीं है रोजगार कैसे मिले। देश का अर्थव्यवस्था अब निर्मला सीतारमण के हाथ में नहीं रहा। अब जो कुछ भी है अंर्तराष्ट्रीय जो घटनाक्रम है उससे देश के अर्थव्यवस्था संचालित होगी। कल ही अमेरिकी सरकार ने स्टील की 25 प्रतिशत टैक्स लगाया है। सेंसेक्स भी एक दम ही नीचे गिरा गया है और लोगो के 10 लाख करोड़ डूब गया, तो ऐसी कितनी घटनाये हुयी है इस दौरान जो शेयर मार्केट लगातार गोते लगाये जा रहा है। उद्योगपति केन्द्रीय बजट आने लगा है, जनता के हिसाब से नहीं आने लगा। सरकार यह कहती है 80 करोड़ लोगो को हम लोग मुफ्त अनाज देंगे। अब 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे से ही बाहर ले आये। 105 करोड़ अब जो बच गया 35 करोड़ लोग में बच्चे भी होंगे, महिला होंगे। चुनाव के लिये सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। सरकार के पास जनता को देने के लिये कुछ नहीं है। उद्योगपति कैसे बढ़े उसकी चिंता है, लेकिन जो ऐसे उद्योग जिनसे लोगो को रोजगार मिलता है, नौकरियां मिलती उनके बारे में बजट में कुछ नहीं है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश के 104 लोगों को अमेरिकी सरकार ने बेड़ियां, हथकड़ी पहनाकर वापस भेज दिया। हमारे 36 इंच वाले प्रधानमंत्री मौन है। हमारे लोग कोई अपराधी थे क्या जब संसद में इस संबंध में सवाल पूछा गया तो विदेश मंत्री जवाब देते है पहले भी घुसपैठिये वापस आये है लेकिन यह नहीं बताये कि पहले लोग बेड़ी, हथकड़ी में वापस नहीं आये थे।

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