प्रदेश में पूर्ण नशाबंदी कानून लागू करने की मांग : गायत्री परिवार के सदस्यों ने सौंपा ज्ञापन
बिलासपुर. विश्व नशा निरोधक दिवस के अवसर पर राज्य में पूर्ण नशाबंदी कानून लागू कराने की मांग को लेकर गायत्री परिवार के सदस्यों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा हैं। गायत्री परिवार के सदस्यों ने अपनी मांग में कहा है कि नशे की लत के चलते नई पीढ़ी के युवाओं का भविष्य खतरे में हैं। नशा नाश का कारण बन चुका है, इसके परिणाम स्वरूप दुर्घटनाएं, बलात्कार, घरेलू हिंसा, अपराध आतंक अपनी चरम सीमा में है। गुटखा, तंबाखू, शराब, बीड़ी, सिगरेट, गांजा भांग जैसे विनाशकारी नशा समाज में बुरी तरह से फैल रहा है।
विश्व नशा निरोधक दिवस को पूरे राष्ट में मनाया जा रहा है। किसी भी राष्ट्र की सच्ची संपत्ति उसका स्वस्थ-स्वच्छ मन वाला नागरिक होता है। लेकिन चिंता की बात है कि इनके सर्वाधिक शिकार नई पीढ़ी के युवा हो रहे हैं। गायत्री परिवार के सदस्यों ने राज्य शासन से अनुरोध करते हुए कहा कि प्रदेश में शराब के उत्पादन एवं विक्रय पर प्रतिबंध लगाया जाये। देश के विभिन्न राज्यों तथा बिहार, गुजरात, हरियाणा तथा अन्य राज्यों की तरह छग में भी पूर्ण नशा बंदी कानून लागू किया जाये। वर्तमान सरकार के घोषणा पत्र में प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी का संकल्प लिया गया था परंतु आज दिनांक तक किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए तत्काल प्रभाव से राज्य में शराब बंदी की मांग गायत्री परिवार के सदस्यों ने की है।
अनुशासनात्मक कार्यवाही हो
गायत्री परिवार के सदस्यों ने मांग की है कि सार्वजनिक स्थलों पर नशा करने पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान हो ताकि लोग दुबारा हिम्मत न कर सके। प्रतिबंधित क्षेत्र में नशा या नशे का कारोबार करने वाले अगर पकड़े जाते हैं तो संबंधित थाने पुलिस अधिकारियों पर भी कार्यवाही हो। नशीले पदार्थों के विज्ञापन करने वाले कलाकारों एवं कंपनियों पर दण्डात्मक कार्यवाही हो।