नेशनल लोक अदालत में राजीनामा के बाद भी फायनेंस कंपनी ने जब्त किया वाहन
फर्जी तरीके से कंपनी के अफसरों ने वाहन बिक्री कर दी
बिलासपुर। प्रत्येक माह किस्त जमा होने के बाद भी फायनेंस कंपनी के अफसरों ने वाहन को जब्त कर लिया। नेशनल लोक अदालत में कंपनी व वाहन मालिक के बीच राजीनामा हुआ और मालिक वाहन को अपने कब्जे में ले लिया। कुछ समय बाद कंपनी के कर्मचारियों ने वाहन को फिर से जब्त कर लिया। इस मामले में तारबाहर पुलिस ने कंपनी के अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत अपराध दर्ज किया है।
तारबाहर पुलिस ने बताया कि वार्ड नंबर 4 लोहारपारा मुढ़ीपार निवासी नरेन्द्र कुमार रात्रे पिता घनश्याम प्रसाद रात्रे (41) ने 10 फरवरी 2016 को शाखा प्रबंधक, बैंक इण्डसण्ड फाईनेंस कंपनी शाखा व्यापार विहार से वाहन आईचर को फायनेंस कराया था। वाहन को खरीदते समय वाहन का कुल मूल्य 15 लाख 7 हजार 680 रूपए व शेष आरटीओ लोन, सुरक्षा बीमा एक वर्ष, पेपर खर्च शुल्क कुल मिलाकर 15 लाख 71 हजार 388 रूपए निर्धारित किया गया था। पीडि़त ने 3 लाख 21 हजार 388 रूपए डाउन पेमेंट जमा किया। 12 लपख 50 हजार रुपए लोन की राशि 55 किस्तों में प्रतिमाह 31 हजार 80 रूपए भुगतान करने का स्टीमेट की कापी प्रदान किया गया था। तब से वाहन का मासिक किस्त 33 हजार 100 रूपए लिया जा रहा था। प्रत्येक माह अलग-अलग किस्तों 6 लाख 98 हजार 992 रूपए के अलावा अन्य राशि का भुगतान किया गया था। उक्त वाहन थाना धरसीवा चौकी सिलयारी द्वारा 3 फरवरी 2017 को जब्त कर लिया गया था। इसके बाद भी पीडि़त ने किस्त की राशि 50 हजार रुपए का भुगतान किया था।


