कुआकोंडा में कृषकों को भूमि रिकॉर्ड सेवाओं की दी गई विस्तृत जानकारी, पुरानी अभिलेखों का भी किया गया वितरण

 

कुआकोंडा. सुशासन तिहार के अवसर पर तहसील कुआकोंडा अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए कृषकों को लैंड रिकॉर्ड कीओस्क सेवाओं के संबंध में व्यापक जानकारी प्रदान की गई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही आधुनिक व डिजिटल सुविधाओं से अवगत कराना था, ताकि वे पारंपरिक प्रक्रियाओं से हटकर अब तकनीक के माध्यम से अपने भूमि संबंधी दस्तावेजों को सरलता से प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किसानों को लैंड रिकॉर्ड कीओस्क की कार्यप्रणाली, उपयोग की विधि तथा इससे मिलने वाले लाभों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। किसानों को बताया गया कि वे इस सुविधा के माध्यम से बिना किसी मध्यस्थ या कार्यालय में बार-बार चक्कर लगाए, अपनी भूमि का रिकॉर्ड जैसे कि बी-1, खसरा, खतौनी, नक्शा इत्यादि स्वयं प्राप्त कर सकते हैं।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित कृषकों को न केवल डिजिटल प्रक्रिया के बारे में बताया गया, बल्कि उनकी जरूरत के अनुसार तत्काल प्रभाव से उनके पुराने राजस्व दस्तावेज भी निकाले गए और उन्हें मौके पर ही प्रदान किए गए। इनमें मिसल रिकॉर्ड, अभिलेख पंजी, बी-1 रिकॉर्ड सहित अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल रहे, जिनकी प्राप्ति पूर्व में एक जटिल प्रक्रिया मानी जाती थी। इस सेवा से किसानों को राहत मिली और उन्होंने सरकार की इस पहल की सराहना की।

इस आयोजन ने न केवल किसानों को डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में प्रोत्साहित किया, बल्कि शासन के सुशासन, पारदर्शिता, समयबद्ध सेवा प्रदाय एवं जवाबदेही के मूल मंत्र को भी साकार किया। इस तरह के प्रयास ग्रामीण अंचलों में तकनीकी साक्षरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ आम नागरिकों को शासन से जोड़ने में भी सहायक सिद्ध हो रहे हैं।

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