शहर में जगह जगह पसरी गंदगी, जिम्मेदारी से मुंह फेर रहे है निगम के आला अधिकारी
बिलासपुर/अनीश गंधर्व. घर घर कचरा उठाने के बाद भी शहर में कचरे का ढेर देखने को मिल रहा है। करोड़ों रुपए सफाई के नाम पर नगर निगम द्वारा फूंका जा रहा है। सफाई व्यवस्था को ठेके में दिया गया, कंपनी द्वारा सफाई को लेकर की जा रही मनमानी को कोई देखने को तैयार नहीं है। बीते दिनों साफ सफाई के अभाव के कारण शहर में डायरिया बीमारी फैल गई थी, कई लोगों की मौत भी चुकी है। इसके बाद भी निगम के आला अधिकारी मूल समस्या को सुधारने में रुचि नहीं दिखा रहे है। सफाई व्यवस्था का अगर यही हाल रहा तो शहर में संक्रमण फैलने से कोई नही रोक सकता।
स्वच्छता के नाम पर भले ही बिलासपुर नगर निगम के अधिकारी पुरस्कार पाने के बाद फूले नहीं समा रहे हैं। किंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही। ना जाने स्वच्छता का सर्वे करने आए अधिकारियों ने कौन सा चश्मा पहना था कि उन्हें सड़को पर पसरी गंदगी नज़र नहीं आई। टीम ने वर्षो से जाम पड़ी नालियों को भी नहीं झांका। जिसका खामियाजा शहरवासी भुगत रहे है ।
शहर में दिन रात अगर सफाई कर्मचारी काम कर रहे है तो जगह जगह कचरे का ढेर क्यों है। आलम यह कि कोनी स्थित डिपो में कचरा फैला हुआ है। इसी तरह राजकिशोर नगर सहित आसपास के इलाके में कचरा और मलबा का ढेर है। लोगों ने बताया कि नगर निगम का कचरा गाड़ी नहीं आती। घरों से निकलने वाले कचरा को एकत्र किया जा रहा। नालियों की सफाई और सड़को में फैले कचरे को नही उठाया जाता। धीरे धीरे कर ढेर बन गया है।
गोठान सूना, सड़कों में घूम रहे मवेशी
राज्य की भूपेश सरकार द्वारा आवारा मवेशियों की धर पकड़ उनके लिए गोठान बनाया गया है। किंतु ज्यादातर मवेशी सड़क पर घूम रहे है। नगर निगम का अतिक्रमण अमला कभी कभी मवेशी पकड़ने निकलते हैं। इधर ग्रामीण क्षेत्रों में यही हाल है।