सायं सायं आने जाने में समर्थ हुआ दिव्यांग विशंभर ध्रुव

 

सुशासन तिहार में दिए आवेदन पर मिला मोटर चलित ट्राइसाइकिल

फर्राटा मारते हुए पहुंचा अपना गांव

बिलासपुर.  छत्तीसगढ़ का परंपरागत लोक तिहार हरेली घोघरा (बिल्हा)निवासी दिव्यांग विशंभर ध्रुव के लिए दोहरी खुशियां लेकर आया है। तिहार के पूर्व संध्या पर उन्हें लगभग 50 हजार रुपए की मोटर चलित तिपहिया वाहन मुफ्त में जो मिली है। दरअसल, श्री विशंभर सुशासन तिहार के अवसर पर दो माह पूर्व अपने गांव में आयोजित सुशासन शिविर में हिस्सा लिया था। शिविर में उन्होंने अधिकारियों को अपनी दिव्यांगता का हवाला दिया और अर्जी देकर मोटर चलित तिपहिया वाहन की मांग की थी। समाज कल्याण विभाग द्वारा उनके आवेदन का परीक्षण किया गया पात्र होने पर उसी समय स्वीकृत कर लिया गया था। तत्काल मोटर चलित वाहन उपलब्ध था नहीं। वाहन आते ही श्री विशंभर ध्रुव को सूचना देकर पुनर्वास केंद्र बुलाया गया। श्री ध्रुव अपने गांव में हरेली तिहार की तैयारी में लगा था। परिवार जनों का सहारा लेकर उल्लास भाव से बिलासपुर पहुंचा। उन्हें समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने वाहन सौंपी और शुभकामनाएं दी। हरेली तिहार में मन की मुराद पूरी हो जाने पर श्री ध्रुव की खुशियां दोगुनी हो गई। फर्राटे से वाहन दौड़ाते हुए वापस अपना गांव वापस गया। ट्राइसाइकिल ने श्री ध्रुव की दिव्यांगता को मात दे दी। अब वह सामान्य लोगों की तरह आने जाने और काम करने में समर्थ हो गया है। श्री ध्रुव ने गांव के एक गरीब और बेसहारा आदिवासी की बात सुनने और तत्परता से पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया है।

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