October 8, 2024

चैतन्य टेक्नो स्कूल और महर्षि शिक्षा संस्थान में फर्जीवाड़ा पर पर्दा डाल रहे है जिला शिक्षा अधिकारी

बिलासपुर . मंगलवार को एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह के नेतृत्व में एनएसयूआई छात्र प्रतिनिधि मंडल ने बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को भ्रष्टाचार में संलिप्त बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी टी आर साहू की शिक्षा के प्रति उदासीनता पर कार्रवाई और बिलासपुर में संचालित चैतन्य टेक्नो स्कूल और महर्षि शिक्षा संस्थान (डीएलएड) संस्थान पर कार्रवाई करने के लिए ज्ञापन सौंपा तथा 15 दिवस में कार्यवाही नहीं होने पर भूख हड़ताल में बैठने की चेतवानी दी।

ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर को अवगत कराया गया है कि बिलासपुर जिले में संचालित चैतन्य टेक्नो स्कूल और महर्षि शिक्षा संस्थान (डीएलएड) में व्याप्त अनेकों अनियमितताओं और फर्जीवाड़ा की शिकायत बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी टी आर साहू को क्रमशः बिंदुओं के माध्यम से किया गया था किंतु आज दिनांक तक कोई भी जांच तथा कार्रवाई नहीं किया जिस पर कार्यवाही नहीं की गई है। जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह ने चैतन्य टेक्नो स्कूल के समस्त प्रकरण को निम्न बिंदुओं में समझाया है जो इस प्रकार से हैं –
(1) सीबीएसई पाठ्यक्रम की मान्यता प्राप्त नहीं के बाद भी स्कूल प्रबंधन द्वारा समस्त शैक्षणिक कार्य जैसे शैक्षणिक पाठ्यक्रम,मूल्यांकन तथा परीक्षाओं तक का आयोजन सीबीएसई के अनुसार कराया जाना।
(2) बिना सीजीबीएसई और सीबीएसई के मान्यता के कक्षा 9 वीं का संचालन किया जाना।
(3) शैक्षणिक सामग्री एवं गणवेश(यूनिफॉर्म) के नाम पर छात्र छात्राओं और परिजनों से मोटी रकम की वसूली करना।
(4) बिना डीएलएड/बीएड अर्हता वाले शिक्षकों की नियुक्ति करना / बिना शैक्षणिक अर्हता के पूर्ण करे शिक्षकों की नियुक्ति करना।
रंजीत ने बताया कि उपरोक्त बिंदुओं के साथ ही अन्य शिकायत एनएसयूआई द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर किया गया था। जिसके परिपेक्ष्य में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच समिति का गठन किया गया था,किंतु जांच समिति द्वारा आज दिनांक तक कोई भी जांच प्रतिवेदन दिया नहीं गया। इस संबंध में एनएसयूआई द्वारा दिनांक 26/07/2024 को डीईओ कार्यालय में जांच समिति का घेराव करने के पश्चात एनएसयूआई के सदस्यों को जांच रिपोर्ट दिखाया गया, जिसका अवलोकन करने पर ज्ञात हुआ कि जांच रिपोर्ट पूर्णतः गलत तरीके से बनाई गई है। जिसका विरोध किया गया तथा विरोध के पश्चात पुनः जांच के निर्देश दिए गए किंतु उसके पश्चात भी जांच समिति द्वारा इस संबंध में कोई भी जांच या कार्यवाही नहीं किया गया।

जिलाध्यक्ष सिंह ने इस प्रकार से बिलासपुर के मंगला में संचालित महर्षि शिक्षा संस्थान (डीएलएड) में व्याप्त अनियमितता और फर्जीवाड़ा के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी श्री टी आर साहू जी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी।
रंजीत सिंह ने महर्षि शिक्षा संस्थान (डीएलएड) संबंधित प्रकरण को निम्नानुसार उजागर किया है –
(1) महर्षि यूनिवर्सिटी और महर्षि शिक्षा संस्थान द्वारा एक ही भूमि भवन में दो संस्था का संचालन किया जाना – महर्षि यूनिवर्सिटी एवं महर्षि शिक्षा संस्थान द्वारा छत्तीसगढ़ शासन को भ्रामक जानकारी देकर मान्यता प्राप्त कर फर्जी रूप से संस्था चलाने की शिकायत पर कार्रवाई करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन दिया गया था ज्ञापन में स्पष्ट रूप से बताया गया था कि महर्षि शिक्षा संस्थान मंगला बिलासपुर सत्र 2016-17 से जिस भूमि भवन में संचालित है, जहां डीएलएड पाठ्यक्रम का संचालन किया जाता है। उन्हीं भूमि भवन एवं प्राध्यापकों के दस्तावेजों के आधार पर उसी स्थान पर महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी का संचालन किया जा रहा है,इस यूनिवर्सिटी में भी डीएलएड पाठ्यक्रम का संचालन होता है।यह दोनों संस्थाएं अपने स्थापना से लेकर वर्तमान सत्र तक एक ही भूमि भवन के दस्तावेज एवं अध्यापकों के साथ दो अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर कूटरचित एवं भ्रामक तरीके से दस्तावेज प्रस्तुत कर डीएलएड पाठ्यक्रम की मान्यता लेकर एक ही भूमि भवन में में दो संस्थाओं के नाम पर संचालन कर रहे हैं। जो कि माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं एससीईआरटी के नियमों का उल्लंघन है,जिसमें स्पष्ट है कि एक ही भूमि भवन एवं प्राध्यापकों से दो संस्थाओं का संचालन किया जाना अवैध है। इस प्रकार से एक ही भूमि भवन एवं प्राध्यापकों के दस्तावेजों के आधार पर दो संस्थाओं का संचालन कर महर्षि प्रबंधन द्वारा नियमविरुद्ध एवं गैरकानूनी कृत्य लगातार किया जा रहा है।
(2) महर्षि यूनिवर्सिटी के कुलसचिव द्वारा अवैधानिक पत्र जारी कर मुख्यमंत्री के नाम का दुरुपयोग करते हुए छात्र छात्राओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना – बिलासपुर के मंगला में संचालित महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के कुलसचिव डॉ विजय गारुडिक द्वारा विभिन्न पत्रों के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर एवं बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी के साथ साथ विभिन्न जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त टॉप टेन एवं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र छात्राओं को सूबे के मुखिया छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ,उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा ,उपमुख्यमंत्री  अरूण साव  के साथ ही क्षेत्र के सांसद और विधायक गण द्वारा सम्मानित किए जाने का पत्र के मध्यम से अफवाह फैलाकर प्रदेश के प्रतिभावान मेधावी छात्र छात्राओं को महर्षि यूनिवर्सिटी बुलाया गया। जब परिजनों के साथ छात्र छात्राएं यूनिवर्सिटी पहुंचे तब उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है वहां मुख्यमंत्री जी का किसी प्रकार का कोई भी कार्यक्रम तय नहीं था। छलपूर्वक उन्हें बुलाया गया और उन्हें यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने के फायदे एवं अनेक प्रलोभन यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ विजय गारुडिक के निर्देशन में यूनिवर्सिटी के शिक्षक एवं स्टाफ द्वारा दिए गए। इस प्रकार से छात्र छात्राओं एवं परिजनों को आर्थिक एवं मानसिक प्रताड़ित किया गया। उक्त अपराधिक कृत्य कुलसचिव द्वारा केवल अपने निजी स्वार्थ एवं आर्थिक लाभ हेतु किया गया,जो की शिक्षा के व्यापारीकरण का परिचय देता है और शिक्षा जगत के साथ साथ बिलासपुर जिले को अपमानित करता है।

(3) महर्षि यूनिवर्सिटी और महर्षि शिक्षा संस्थान के एक ही भूमि भवन और अध्यापकों के दस्तावेजों के आधार पर दो संस्थाओं का संचालन किए जाने की शिकायत एनएसयूआई द्वारा कार्यालय कलेक्टर आदिवासी विकास विभाग में किया गया था जिसके जांच प्रतिवेदन में पाया गया कि कुलसचिव डॉ विजय गारुडिक द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया गया तथा कुलसचिव द्वारा यह स्वीकार किया गया कि महर्षि शिक्षा संस्थान तथा महर्षि यूनिवर्सिटी दोनो संस्थान एक ही भूमि भवन परिसर में संचालित किए जा रहे हैं,जिसके कारण से वहां की छात्रवृत्ति सुविधा पर रोक लगा दिया गया है। इसके जानकारी के बावजूद भी हाल ही में सत्र 2024-25 में डीएलएड में प्रवेश हेतु एससीईआरटी द्वारा आबंटन सूची में दोनो संस्थाओं का नाम क्रमांक 49 में महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी और क्रमांक 54 में महर्षि शिक्षा संस्थान मंगला बिलासपुर का नाम दर्ज है,महोदय उक्त दोनों ही संस्थान कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर संचालित किए जा रहे हैं,जिस पर कार्रवाई करना आवश्यक है, इसकी शिकायत एनएसयूआई द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को किया गया है तथा जब तक जांच चल रही है तब तक उक्त संस्थाओं में सत्र 2024-25 में डीएलएड में प्रवेश पर रोक लगाई जाए। किंतु दोनो ही संस्थाओं में जिला शिक्षा अधिकारी के संरक्षण में शिक्षा का व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है जिस पर अंकुश लगाना अनिवार्य है।
रंजीत सिंह ने बताया कि इस प्रकार से श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल की फर्जीवाड़ा और महर्षि यूनिवर्सिटी में संचालित डीएलएड पाठ्यक्रम में भी व्याप्त अनेकों गड़बड़ी एवं अनियमितताओं के संबंध में बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी को हमारे द्वारा अनेकों बार शिकायत पत्र देकर कार्यवाही की मांग की गई थी,किंतु उक्त विषय पर किसी प्रकार की कोई भी जांच अथवा कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया। इससे जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बनाई गई जांच समिति के सदस्य चंद्रभान सिंह ठाकुर की भूमिका भी भ्रष्टाचार के शक के घेरे में आती है। क्योंकि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जिस भी जांच समिति में चंद्रभान सिंह ठाकुर को सदस्य बनाया जाता है उस जांच समिति का या तो जांच ही पूर्ण नहीं हो पाता है अथवा जांच प्रतिवेदन गलत तरीके से बनाया जाता है किसी न किसी प्रकार से जांच समिति को प्रभावित करने हेतु चंद्रभान सिंह ठाकुर द्वारा ही शिक्षा संस्थान और जिला शिक्षा अधिकारी के बीच मध्यस्थता कराई जाती है,इसकी जांच की आवश्यकता है।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष ने जिला शिक्षा अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि डीईओ द्वारा लगातार ऐसे शैक्षणिक संस्थाओं से धनलाभ अर्जित कर ऐसे भ्रष्ट संस्थाओं के भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं,इस बात की पुष्टि इसी से होती है कि जब एसीबी द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी टी आर साहू के घर पर छापा मारा गया तो आय से अधिक संपत्ति और करोड़ों रुपयों के पकड़ाए जाने के प्रकरण में मामला दर्ज किया गया। इसके बावजूद भी बीजेपी के साय सरकार के संरक्षण में ऐसे भ्रष्ट जिला शिक्षा अधिकारी अपनी कुर्सी पर पदस्थ है।
जिसका पुरजोर विरोध करते हुए जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह के नेतृत्व में दिनांक 30/08/2024 को आंदोलन करते हुए कलेक्टर के नाम तहसीलदार अतुल वैष्णव जी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग किया गया था इसके पश्चात भी आज दिनांक तक कोई भी जांच या निर्णयात्मक कार्रवाई नहीं किया गया है।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह ने कलेक्टर अवनीश शरण से ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी जो केवल अपने निजी आर्थिक लाभ हेतु शिक्षा का व्यापारीकरण करे और छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करे विभिन्न शिकायतों के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया जाना उनके भ्रष्टाचार को दर्शाता है। रंजीत सिंह ने उक्त प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए छात्रहित में ऐसे भ्रष्ट जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित करें तथा उक्त प्रकरण को संज्ञान में लेकर 15 दिवस के भीतर जांच कर उचित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें तथा किए गए कार्रवाई से हमें अवगत कराने की बात कही और अन्यथा की स्थिति में एनएसयूआई छात्र संगठन भूख हड़ताल करने हेतु बाध्य होगी जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन की होगी।

एनएसयूआई छात्र संगठन की महत्वपूर्ण मांगें इस प्रकार हैं-
(1) श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल से संबंधित समस्त प्रकरण में जांच कर कार्रवाई करते हुए स्कूल में तालाबंदी करें।
(2) महर्षि यूनिवर्सिटी और महर्षि शिक्षा संस्थान डीएलएड पाठ्यक्रम में दोनो संस्थाओं का निरीक्षण कर जांच हो एवं दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई हो तथा जांच पूर्ण होते तक सत्र 2024-25 में प्रवेश पर रोक लगाई जाए एवं प्रशासक नियुक्त किया जाए।
(3) श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल के जांच हेतु बनाई गई जांच समिति के जांच प्रतिवेदन और जांच समिति के सदस्यों के ऊपर जांच हो तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
(4) भ्रष्टाचार में संलिप्त बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी श्री टी आर साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।
ज्ञापन सौंपने एनएसयूआई के छात्र प्रतिनिधि मंडल में एनएसयूआई जिला अध्यक्ष रंजीत सिंह के साथ प्रदेश महासचिव विकास सिंह ठाकुर,प्रदेश सचिव लोकेश नायक, बेलतरा विधानसभा अध्यक्ष विक्की यादव,जिला उपाध्यक्ष सुमित शुक्ला, महासचिव शिवांश पाठक,महासचिव प्रवीण साहू,आशीष पटेल,पुष्कर पाल,आवेश डल्ला के साथ कुछ छात्र छात्राओं के पीड़ित परिजन भी कलेक्टर अवनीश शरण से मुलाकात करने पहुंचे।

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