बच्चों की कमी पूरी करने असल बच्चों जैसी Dolls के साथ रह रहीं तलाकशुदा महिलाएं, खर्च की मोटी रकम
वॉशिंगटन. तलाक (Divorce) के बाद अपने बच्चों को पिता के साथ रहने देने वाली माएं अब असली बच्चों जैसी दिखने वाली डॉल्स (Dolls) से अपना मन बहला रही हैं. इसके लिए वे खासा पैसा खर्च कर रही हैं. अमेरिका के वर्जीनिया शहर में रहने वाली 42 वर्षीय मां लिज वाटसन ने 2016 में फिर से अपने मां बनने की घोषणा की और अपने घर ऐसी ही एक डॉल ले आईं. लिज तलाकशुदा हैं और उनके बच्चे पिता के साथ रहते हैं. लिज ने अपने बच्चों से दूरी के इस दुख से निपटने में मदद करने के लिए इंसानों जैसी असली दिखने वाली डॉल्स पर हजारों डॉलर खर्च किए हैं.
पूरी नर्सरी बना डाली
डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, वाटसन को इस बारे में ऑनलाइन और YouTube के जरिए पता चला था. इसके बाद उन्होंने ढेर सारी डॉल खरीदीं और अपने कलेक्शन की एक पूरी नर्सरी ही बना डाली है.
ये डॉल्स सिलिकॉन और विनाइल से बनाई गई हैं और हूबहू इंसानों के असली बच्चों जैसी दिखती हैं. 2010 में तलाक के बाद वाटसन पूर्व पति से पैदा हुए अपने 2 बच्चों, अपने मौजूदा पति के साथ वर्जीनिया आ गईं थीं. उनकी दूसरे पति से बेटी भी है. लेकिन पूर्व पति से पैदा हुए दोनों बच्चे अपने पिता से दूरी बर्दाश्त नहीं कर पाए और जून 2016 में कंसास वापस चले गए. इसके बाद वाटसन ने इन बेबी डॉल का सहारा लिया, जो उन्हें पहली शादी से हुए बच्चों की कमी को पूरा करने में मदद करती हैं.
9 डॉल्स हैं वाटसन के पास
2016 से अब तक में वाटसन 9 डॉल्स खरीद चुकी हैं. बतौर मां उन्होंने इन सबके नाम भी रखे हैं. इनके नाम जुनिपर ऐनी, विला जेन, निक्सन ग्रे, बेनेडिक्ट आर्थर, जैक्स एथन, क्रेवन रिज, पैस्ले राई, इस्ला ब्लू, और ओकलिन एलिस हैं. वाटसन कहती हैं, ‘डायलन और आशेर का अपने पिता के साथ रहने का निर्णय करना मेरे लिए बहुत मुश्किल रहा. मैं अक्सर सोचती रहती थी कि क्या उन्हें यह याद होगा कि आधा बचपन उन्होंने मेरे साथ बिताया है. यह मेरे लिए बच्चों को गोद देने जैसा था. ये डॉल्स मुझे बहुत शांति देती हैं, मैं उन्हें अपने 2 बड़े बच्चों के रूप में देखती हूं और उनके साथ भावनात्मक रूप से वैसे ही जुड़ गईं हूं. मैं जानती हूं कि ये डॉल्स बड़ी नहीं होंगी, लेकिन ये मुझसे दूर भी नहीं होंगी.’
वह आगे कहती हैं, ‘मेरे जैसे कई कलेक्टर्स इस शौक को लेकर खुद को अकेला समझते हैं क्योंकि कई लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि कैसे ये डॉल्स हमारी जिंदगी में इतनी मददगार हैं. हम जैसे लोगों की कम्युनिटी से जुड़े होना मेरे लिए बहुत राहत की बात है, जहां हम एक-दूसरे को जज नहीं करते, बल्कि डॉल्स के कारण मिलने वाली एक जैसी खुशी को साझा करते हैं.’