November 24, 2024

घर की नकारात्‍मक ऊर्जा को बाहर करने मुख्य द्वार पर करना होगा आसान काम

वास्‍तु शास्‍त्र में जीवन की कमोबेश हर समस्‍या को दूर करने के उपाय बताए गए हैं. इसमें नकारात्‍मक ऊर्जा को दूर करने के उपाय भी शामिल हैं. यदि जीवन में आर्थिक दिक्कतें चल रही हों, ऑफिस से घर आने के बाद मूड खराब हो जाता है तो इस बात की आशंका बढ़ जाती है कि घर में सकारात्मक ऊर्जा की कमी हो. कई बार आर्थिक तंगी यानी लक्ष्मी माता की कृपा न होने के कारण भी चित्त खराब रहता है. आज हम लोग वास्तु से संबंधित कुछ उपाय जानते हैं जिससे घर में सुख-समृद्धि, सुकून में वृद्धि हो.

संतुलित पंचतत्‍व वाला घर देता है सुख-समृद्धि-शांति 

वास्तु में बदलाव करके भी लक्ष्मी आने का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है.  वास्तु शास्त्र का आधार, अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल, एवं, आकाश है. इन पांच तत्वों को वास्तु-शास्त्र में पंचमहाभूत कहा गया है. पंचतत्व यदि संतुलित रहेंगे तो वास्तु पुरुष भी शांत रहता है. जिस भाग में वास्तु बिगड़ जाते हैं वहां से संबंधित देवता के कोप का सामना करना पड़ता है. जबकि संतुलित पंचतत्वों वाले घर में निवास करने से सुख समृद्धि और शांति प्राप्त होती है.

मुख्‍य द्वार को लेकर करें ये उपाय 

याद रखें कि मुख्य द्वार हमेशा चार भुजाओं की चौखट वाला हो. इसे दहलीज भी कहते हैं. इससे नकारात्मक ऊर्जाएं घर में प्रवेश नहीं कर पातीं.

– प्रातः घर का जो भी व्यक्ति मुख्य द्वार खोले, उसे सर्वप्रथम दहलीज पर जल छिड़कना चाहिए, ताकि रात में वहां एकत्रित दूषित ऊर्जाएं घुलकर बह जाएं और गृह में प्रवेश न कर पाएं.

– गृहणी प्रातः सर्वप्रथम घर की साफ-सफाई करे या कराए. घर के मुख्य द्वार के पास अंदर की तरफ रंगोली बनानी चाहिए या फिर रंगोली वाले टाइल्स लगा सकते हैं. इससे भी नकारात्मक ऊर्जाएं घर में नहीं आती हैं. मुख्य द्वार के ऊपर केसरिया रंग से 9 इंच परिमाण का स्वास्तिक बनाकर लगाएं.

– मुख्य द्वार पर तोरण लगाने चाहिए. आम के पत्तों के तोरण अति शुभ होते हैं.

– खाना बनाना शुरू करने से  पहले रसोई को जरुर साफ कर लें, रसोईये को चाहिए कि मंत्र-पाठ से ईश्वर को याद करें और कहे कि मेरे हाथ से बना खाना स्वादिष्ट तथा सभी के लिए स्वास्थ्यवर्धक हो.

– पहली रोटी गाय, आखिरी रोटी कुत्ते व पक्षियों के लिए निकाल दें. उसके बाद परिवार के अन्य सदस्‍यों को भोजन परोसें.

– निवास गृह या कार्यालय में शुद्ध ऊर्जा के संचार हेतु प्रातः व सायं शंख ध्वनि करें.

– रोजाना घर में गुग्गुल युक्त धूपबत्ती प्रज्वलित करें तथा ऊं का उच्चारण करते हुए समस्त गृह में धूम्र को  घुमाएं.

– प्रातः काल सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्य नमस्कार अवश्य करें.

– यदि परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा, तो गृह का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा. ध्यान रखें, आईने व झरोखों के शीशों पर धूल नहीं रहे. उन्हें प्रतिदिन साफ रखें. इससे परिवार में समृद्धि की वृद्धि होती है और लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है.

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