आत्म‍निर्भर भारत का सपना साकार करेगी शिक्षा नीति : प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल

वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति‍ प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत को आत्म‍निर्भर बनाने का सपना साकार करेगी। प्रो. शुक्ल  ने यह बात महात्मा गांधी फ्यूजी गुरूजी सामाजिक कार्य अध्य्यन केंद्र एवं स्वदेशी जागरण मंच, विदर्भ प्रांत के संयुक्त‍ तत्वावधान में 03 फरवरी  को आयोजित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में आत्म निर्भर भारत हेतु स्वावलंबी शिक्षा’ विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने से बड़े पैमाने पर रोज़गार सृजन होगा और हम अन्यों को भी सहारा दे सकेंगे। यह आज के परिप्रेक्ष्य में स्वावलंबन एवं आत्मनिर्भरता को जागृत करने वाली नीति है जो मुख्य: रूप से युवाओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है । भारत को विश्वरगुरू के रूप में स्थापित करने की क्षमता इस नीति में है। युवाओं को अंतरविषयक अध्ययनों द्वारा स्वावलंबी बनाने को लेकर अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान इस नीति में विद्यमान है।

मुख्य वक्ता  के रूप में स्वदेशी जागरण मंच के स्वावलंबी भारत अभियान के संयोजक सतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय दृष्टिकोण का समग्र समावेश किया गया है। मनुष्य के विकास के लिए जो प्रावधान आवश्यक थे वे सब इस नीति में है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भारत उद्यमिता की राह पर तेजी से चल पड़ा है।  भारत का युवा बेरोजगारी का समाधान स्वयं से कर रहा है। अब स्वावलंबी भारत के स्पष्ट  संकेत दिखने लगे है। अनेक आंकड़ों और सर्वेक्षणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से संपन्नता की ओर बढ़ रही है।

कार्यक्रम की प्रस्तावना विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चंद्रकांत एस. रागीट ने की। उन्होंने कौशल विकास के लिए विश्वविद्यालय में हथकरघा प्रशिक्षण एवं पर्यावरण शिक्षा के पाठयक्रम शुरू किए जाने की जानकारी दी।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. मनोज कुमार ने किया। कार्यक्रम का संचालन केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. शिवसिंह बघेल तथा आभार केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. मिथिलेश कुमार ने किया। कार्यक्रम का प्रारंभ विश्वविद्यालय के कुलगीत से एवं समापन राष्ट्रगीत से हुआ। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अध्यापकों तथा विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की।

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