बिजली तार चोर को 9 माह 7 दिन के कारावास की सजा

सागर. बिजली तार चोरी करने वाले आरोपी मुकेश विश्वकर्मा पिता बलराम विश्वकर्मा उम्र 49 वर्ष निवासी बेरखेड़ी गुरू थाना-सिविल लाईन जिला-सागर को धारा 379 भादवि अंतर्गत 9 माह 7 दिन के कारावास से दंडित करने का आदेश न्यायालय श्री आशीष शर्मा, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सागर की न्यायालय ने दिया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सचिन गुप्ता/अमित जैन ने की। दिनांक-30.07.2017 को कनिष्ठ यंत्री, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी नगर संभाग सागर सुधार प्रभाग की पेट्रोलिंग पार्टी के साथ करीब 11.30 बजे जैसे ही बड़तुमा फायरिंग रेंज पहाड़ी के पास पहुंचे और पहाड़ी के किनारे से 33 के.वी. सिविल लाईन फीडर जो कि 220 के.वी. साईंखेड़ा सब-स्टेशन से निकला है, वहां पर उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति खम्बे पर चढ़़ा था और जैसे ही उन लोगों ने अपना वाहन रोका तो वहीं पास में खड़ी फोर व्हीलर गाड़ी में बैठकर चार लोग भाग गये और जो व्यक्ति खम्बे पर चढ़ा था नीचे उतरकर उसने खम्बे से दो 33 के.वी. इन्सूलेटर खोलकर चोरी कर ले जाने के लिए नीचे डाले थे वह उन्हें लेकर भागा और भागते समय फरियादी ने उसे पहचान लिया, उक्त व्यक्ति पूर्व में प्राईवेट व्यक्ति के तौर पर काम करने वाला मुकेश विश्वकर्मा निवासी बेरखेड़ी गुरू का था, फिर पेट्रोलिंग पार्टी ने सभी खम्बों को चैक किया तो पाया कि 18 खम्बों का तीन लाईन का तार कीमती लगभग 60 हजार रूपये अज्ञात चोर चोरी करके ले गये थे। सूचनाकर्ता के उक्त आवेदन पर से थाना बहेरिया में अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान घटनास्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अभियुक्त के मेमोरंडम कथन अंतर्गत धारा 27 भारतीय साक्ष्य अधिनियम लिये गये, मेमोरंडम के आधार पर चोरी गई संपत्ति जप्त कर जप्तीपत्रक तैयार किया गया, अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। प्रार्थी एवं गवाहों के कथन लेखबद्ध किये गये एवं संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अपराध सिद्ध पाये जाने से अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय में अभियोजन ने मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर प्रकरण की समस्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए दोषी मुकेश को 9 माह 7 दिन के कारावास से दंडित करने का आदेश दिया।

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