England के Yorkshire में Cheteshwar Pujara हुए थे Racism के शिकार, दूसरे क्रिकेटर ने की थी खुदकुशी की कोशिश
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को भी इंग्लिश काउंटी क्रिकेट क्लब (County Cricket Club) यॉर्कशायर (Yorkshire) में नस्लवाद (Racism) का सामना करना पड़ा था. यॉर्कशायर के कई पूर्व कर्मचारियों ने क्रिकेटर अजीम रफीक (Azeem Rafiq) के दावों का समर्थन किया है.
अजीम रफीक (Azeem Rafiq) ने दावा किया था कि क्लब में नस्लवाद (Racism) होने की वजह से उन्होंने खुदकुशी की कोशिश की थी. चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) इस वक्त ऑस्ट्रेलिया में है, जहां वो 4 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का हिस्सा होंगे. पुजारा साल 2015 और 2018 में यॉर्कशायर (Yorkshire) क्लब के लिए खेल चुके हैं.
यॉर्कशायर के पूर्व कर्मचारी ताज बट ने कहा, ‘एशियाई समुदाय का जिक्र करते समय बार-बार टैक्सी चालकों और रेस्त्रां में काम करने वालों का हवाला दिया जाता था. वो एशियाई मूल के हर व्यक्ति को ‘स्टीव’ कहकर बुलाते थे. भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को भी ‘स्टीव’ (Steve) कहा जाता था क्योंकि वे उनके नाम का उच्चारण नहीं कर पाते थे.’
ताज बट (Taj Butt) यॉर्कशायर क्रिकेट फाउंडेशन के साथ सामुदायिक विकास अधिकारी के तौर पर काम कर चुके है. बट के अलावा टोन बाउरी (Tony Bowry) यॉर्कशायर के साथ कोच के रूप में काम कर चुके हैं और साथ ही वह यॉर्कशायर क्रिकेट बोर्ड में सांस्कृतिक विविधता अधिकारी भी थे.
उन्होंने कहा, ‘कई युवाओं को ड्रेसिंग रूम के माहौल में सामंजस्य बिठाने में दिक्कत हुई क्योंकि उन पर नस्लवादी टिप्पणियां की जाती थी. इसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ा और उन पर परेशानियां खड़ी करनी के आरोप लगाए गए. इससे प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा.’ विदेशी खिलाड़ियों में पाकिस्तान के राणा नावेद उल हसन (Rana Naved-ul-Hasan) और वेस्टइंडीज के टीनो बेस्ट (Tino Best) ने रफीक के आरोपों का समर्थन किया था.