November 25, 2024

VIDEO : आधे घंटे में मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए मधुबन मुक्तिधाम में लगाया जा रहा है उपकरण


बिलासपुर/अनिश गंधर्व. नगर निगम द्वारा लाशों को जलाने के लिये आधुनिक व्यवस्था की जा रही है ताकि आपात स्थिति में आधे घंटे के भीतर ही लाश जल सके और परिजनों को अस्थी प्रदान की जा सके। कोरोना काल में लाशों को जलाने के लिये भारी दिक्कतें हुई थी। 24 घंटे से ज्यादा लाशों को अस्पतालों में रखना पड़ा। मुक्तिधाम में जगह नहीं होने के कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई थी। संक्रमित लाशों को जलाने के लिये प्रशासन द्वारा शहर में केवल दो ही मुक्तिधामों को चिन्हाकित किया गया था। शहर के अस्पतालों में जिले भर से आये मरीजों की मौत होने के बाद उनकी लाशों को जलाने के लिये सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा जरूरी हो गई थी ताकि अन्य लोग संक्रमित न हो जाये। नगर निगम के कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते रहे। मृतक परिवार के केवल  दो या तीन सदस्यों को ही बुलाया जाता था, उन्हें भी दूर रखा जा रहा था। भविष्य में ऐसी कोई अप्रिय स्थिति न बने इसके लिये नगर निगम बिलासपुर द्वारा आधुनिक मशीन का लगवाया जा रहा है ताकि आधे घंटे के भीतर ही सारा काम हो जाये और ज्यादा से ज्यादा लोगों का दाह संस्कार किया जा सके।

नगर निगम बिलासपुर द्वारा शहर के तीन मुक्तिधामों में लाश जलाने के लिये प्लांटनुमा मशीन लगवाई जा रही है। लुधियाना की कंपनी को इस कार्य के लिये ठेका दिया गया है। मशीन लगाने का कार्य अंतिम चरण में है अब जल्द ही इसका फायदा पीडि़तों को मिलेगा। मधुवन मुक्तिधाम में मशीन लगा रहे कंपनी के अधिकारी ने बताया कि इस मशीन  में  लाश को रखा जायेगा फिर गैस के माध्यम से जलाया जाएगा। लाश की र्दुगंध न फैले इसके लिये चिमनी का निर्माण किया गया है। 15 से 20 मिनट में लाश जलकर अस्थी के रूप में तैयार होगा। इसे ठंडा करने के बाद परिजनों को सौंपा जायेगा। आधा घंटे का समय एक लाश जलाने में लगेगा। नगर निगम बिलासपुर के सौजन्य से भारतीय नगर, सरकंडा और मधुवन मुक्तिधाम में मशीन लगवाया जा रहा है। करीब एक सप्ताह में यह उपकरण बनकर तैयार हो जायेगा। हालांकि इस मशीन में लाश जलाने के लिये कितना शुल्क मृतक के परिजनों को देना होगा इसकी जानकारी नहीं है। मशीन के स्थापित हो जाने से आपात स्थिति में लोगों को कठिनाईयों के दौर नहीं गुजरना पड़ेगा।

लिंगियाडीह और तोरवा मुक्तिधाम की गई थी व्यवस्था
कोरोना काल में मरने वाले लोगों के लाश जलाने के लिये तोरवा और लिंगियाडीह मुक्तिधाम में व्यवस्था की गई थी। नदी तट में होने के कारण ऐसी व्यवस्था की गई थी। इसके बाद भी आसपास के रहने वालों ने इसका भारी विरोध किया था। सेड के अलावा शवों को जमीन में रखकर अंतिम संस्कार किया गया था। भविष्य में ऐसी दुर्गति न हो इसके लिये निगम प्रशासन द्वारा शहर के तीन मुक्तिधामों में मशीन लगवाया जा रहा है।

जर्जर हो रहा है मधुवन मुक्तिधाम
दयालबंद स्थित मधुवन मुक्तिधाम रख-रखाव के अभाव में जर्जर हो रहा है। यहां लाशों को जलाने के लिये दो अलग-अलग सेड बनाये गये हैं ताकि एक ही दिन में आधा दर्जन से ज्यादा मृतकों को दाह संस्कार हो सके। यहां लोगों के बैठने के लिये भी व्यवस्था की गई है ताकि तेज बारिश और धूप में लोग बैठ सके। रख रखाव व साफ-सफाई के अभाव में यहां बैठने के लिये भी जगह नहीं बची है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post शासन की मदद एवं स्वयं की मेहनत से हुसैन ने अपनी राह खुद बनायी
Next post चश्में का नंबर बदले रमन सिंह : शैलेश
error: Content is protected !!