EU से अलग हुए Britain के लिए भारत होगा अहम साझेदार, रिपोर्ट में रिश्ते मजबूत करने की सिफारिश
लंदन. यूरोपीय संघ (EU) से अलग हुए ब्रिटेन (Britain) के भारत सहित दूसरे देशों से रिश्ते कैसे होंगे इस पर मंथन शुरू हो गया है. इस बीच एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें ब्रिटेन के भविष्य और भारत (India) के साथ उसके संबंधों को लेकर कुछ बातें कही गईं हैं. ‘ग्लोबल ब्रिटेन, ग्लोबल ब्रोकर: ए ब्लूप्रिंट फॉर यूकेज फ्यूचर इंटरनेशनल रोल’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन को अपनी ऊर्जा और निवेश नरमपंथी लोकतांत्रिक देशों में लगाना चाहिए. इनमें भारत, यूरोपीय यूनियन के सदस्य देश और अमेरिका भी शामिल है.
China के खिलाफ रणनीति का जिक्र
रिपोर्ट में ब्रिटेन (Britain) को सुझाव दिया गया है कि वो भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया से कारोबार बढ़ाने पर जोर दे. साथ ही उन देशों से रिश्ते मजबूत करने की वकालत की गई है, जो चीन से मुकाबला कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में ब्रिटेन को चीन, भारत, सऊदी अरब और तुर्की से चुनौती भी झेलनी पड़ सकती है. कई उद्देश्यों की प्राप्ति में ये देश ब्रिटेन के लिए चुनौती बनेंगे.
India का महत्वपूर्ण स्थान
रिपोर्ट में भारत का जिक्र करते हुए कहा गया है कि भारत ब्रिटेन के लिए अपरिहार्य है. जल्द ही वह दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा. वह चालू दशक में ही दुनिया की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था और रक्षा बजट वाला देश बन जाएगा. वैसे तो दोनों देशों के प्रगाढ़ ऐतिहासिक रिश्ते रहे हैं, लेकिन उपनिवेश काल की कुछ घटनाएं रिश्तों में कड़वाहट भी पैदा कर सकती हैं. बावजूद इसके भारत का ब्रिटेन के लिए महत्वपूर्ण स्थान रहेगा.
ये होना चाहिए Britain का लक्ष्य
विशेषज्ञों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन को भारत से मजबूत संबंध विकसित करने का लक्ष्य रखना चाहिए. रिपोर्ट में भारत की जटिल नीतियों का भी जिक्र है, जिसके चलते कोई भी कार्य पूरा करने में कठिनाई आती है. जिन कार्यों में जटिलता है उनमें व्यापार को लेकर खुलापन और विदेशी निवेश है. साथ ही मानवाधिकार उल्लंघन के मामले भी हैं. इस रिपोर्ट से साफ होता है कि नए ब्रिटेन की विदेश और कारोबारी नीति काफी हद तक भारत पर केंद्रित होगी.