बस्तर टाइगर शहीद महेंद्र कर्मा की जयंती पर कांग्रेस भवन में किया गया आयोजन

बिलासपुर. जिला शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा स्व महेंद्र कर्मा की जयंती के अवसर पर कांग्रेस भवन में संगोष्ठी का आयोजन कर स्मरण किया गया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष, अविभाजित मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में केबिनेट मंत्री रहे बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की जीवनी, योगदान और शहादत को  विस्तार से याद किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक सैय्यद जफर अली, सभापति माधव चिंतामन ओत्तलवार ने बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के जन्म से शिक्षा और राजनीतिक सफर पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए एन आई ए की आड़ में झीरम कांड के दोषियों को भाजपा द्वारा बचाने का आरोप लगाते हुए सजा दिलाने की मांग की गयी। जिला कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सिंह चौहान, सेवानिवृत्त आई. ए. एस. एस. एल. रात्रे, पूर्व महापौर राजेश पांडेय, ब्लॉक अध्यक्ष द्वय विनोद साहू व जावेद मेमन ने महेंद्र कर्मा जी को बस्तर में ही पले बढ़े और पढ़े हुए सर्वाधिक लोकप्रिय नेता बताते हुए कहा कि आपने सीपीआई से 1980 में व निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में 1996 के आम चुनाव में बस्तर से विजय प्राप्त की। अविभाजित बस्तर के जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी निर्वाचित हुए। 1998 में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली अविभाजित मध्यप्रदेश की सरकार में जेल मंत्री और छत्तीसगढ़ के पहले उद्योग व वाणिज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। 2003 में छत्तीसगढ़ सरकार में नेता प्रतिपक्ष के रूप में चुने गए। वक्ता बृजेश साहू, गणेश रजक, शिल्पी तिवारी आदि ने महेंद्र कर्मा द्वारा नक्सलवाद को समाप्त करने 1991 में चलाए गए जन जागरण अभियान तथा राज्य निर्माण के बाद सलवा जुडूम आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि दुर्दांत नक्सल इलाके में रहने के बाद भी कर्मा जी ने नक्सलियों के विरुद्ध जोरदार वैचारिक आंदोलन चला कर आदिवासियों को मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास किया। अकेले आपने नक्सलवाद पर जोरदार प्रहार करते हुए नक्सली उन्मूलन का प्रयास किया जो अविस्मरणीय है।
बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा द्वारा सदैव समाज के अंतिम व्यक्ति तक कि पीड़ा को महसूस करते हुए संवेदनशीलता से आवाज उठाई गयी। वक्ताओं ने महेंद्र कर्मा को लेकर अपने अपने संस्मरण भी संगोष्ठी में कांग्रेसजनों के बीच बताया। उक्ताशय की जानकारी देते हुए जिला कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सिंह चौहान ने बताया कि जयंती के उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल कांग्रेसियों में सुभाष ठाकुर, उत्तरा सक्सेना, अन्नपूर्णा ध्रुव, अर्जुन सिंह, विनय अग्रवाल, सुभाष सराफ, राजेंद्र शर्मा, राजेन्द्र सारथी, विष्णु कौशल, अजय साहू, बिंदु जायसी, राकेश बंजारा, वीरेंद्र सारथी, चेतन दास महंत, दुर्देशी धनकर, मुकेश धनसाय, ज्वाला साहू, राजकुमार यादव, आदि शामिल थे।

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