जिले में फर्जी मस्टर रोल का खेल, दम तोड़ रही मनरेगा, मजदूर तरसे रोजगार को

बिलासपुर. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का मुख्य उद्देश्य मजदूर परिवारों को गांव में ही  रोजगार उपलब्ध कराना है। बिलासपुर जिले में योजना अंतर्गत पंजीकृत 226366 जॉब कार्ड धारी परिवार है। मांग आधारित ग्रामीण मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की मूल भावना के विपरीत   जनपद में प्रशासनिक दबाव के चलते  मस्टररोल निकाले जाने की जानकारी लगातार आ रही है। 4 अप्रैल से मनरेगाकर्मी हड़ताल पर हैं,  बहरहाल हड़ताल का नतीजा जो भी हो पर विगत एक माह में मनरेगा मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की बजाए अधिकारी योजना की मूलभावना के विपरीत कार्य करवा रहे है। मजदूरों के  खाते में जो बड़ी राशि रोजगार के एवज में जानी थी वह नहीं जा पाई। इन सभी कारणों से मजदूर पलायन को मजबूर है।
कहानी आंकड़ों की जुबानी
ऑनलाइन रिपोर्ट को गौर करे तो जिला बिलासपुर में  विगत वित्तीय वर्षो में इस सीजन में प्रति दिवस लगभग 13851  मजदूर मनरेगा अंतर्गत कार्य करते है।उल्लेखनीय है कि पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल माह मे 59627 परिवारों को रोजगार मुहैया कराया गया था वहीं हड़ताल के चलते इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के अप्रैल माह में मात्र 3136 परिवारों को ही रोजगार उपलब्ध कराया गया है, जो कि विगत वर्ष की तुलना में 5 प्रतिशत ही है।  जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 में  अप्रैल माह 990325 मानव दिवस सृजित किए गए थे जबकि इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में  27853 मानव दिवस ही सृजित हुए हैं जो कि विगत वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत है।  इस वर्ष अप्रैल माह में 329 ग्राम पंचायतों में शून्य मानव दिवस सृजित हुआ है अर्थात जिले के 68 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में कार्य नहीं किया जा रहा है।

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