एग्रीटेक पोर्टल के नाम पर सताए जा रहे हैं किसान -कांग्रेस

सरकार की लापरवाही और सिस्टम की तकनीकी खामियों से किसान चिंतित


रायपुर।
 एग्रीटेक पोर्टल में पंजीयन को लेकर आ रही समस्याओं को सत्ता प्रायोजित किसान विरोधी षड्यंत्र करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि आधे अधूरे तैयारी और तकनीकी खामियों को दुरुस्त किए बिना पंजीयन की अनिवार्यता थोपना किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सरकार के द्वारा बनाए गए खुद के पोर्टल में 2023 के बाद के डाटा अपडेट नहीं है। कृषि भूमि का विवरण, वारिसाना हक प्रकरण और नई खरीदी/बिक्री के आंकड़े दर्ज नहीं है, मृत्यु के बाद भी कई खसरों में मुखिया का नाम ही प्रदर्शित हो रहा है जिससे नए खाता धारकों का पंजीयन पोर्टल पर जबरिया रिजेक्ट किया जा रहे हैं। पिछले कई महीनो से ऑनलाइन अनुमोदन नहीं होने से बंटवारे की भूमि में नक्शा काटना बंद कर दिया गया है, गिरदावली और सत्यापन के आंकड़े भी अधूरे हैं। सरकार के विभागों में आपसी समन्वय का अभाव है राजस्व विभाग, कृषि विभाग, पंचायत और ग्रामीण तथा सहकारिता विभाग के आंकड़े आपस में मैच नहीं हो रहे हैं। आधार कार्ड में दर्ज किसान के नाम, पिता या पति के नाम राजस्व विभाग के खतौनी से मिल नहीं खाता है, इसकी सजा भी किसानों को दी जा रही है, अब प्रदेश के लाखों किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि बिना पंजीयन के उनका धान बिकेगा कैसे?


प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार की हठधर्मिता से छत्तीसगढ़ के लाखों किसान विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। पीएम किसान निधि, फसल बीमा, खाद बीज, सब्सिडी और उन्नत कृषि योजना का लाभ एग्रीटेक पोर्टल में पंजीयन के बिना किसानों को नहीं मिल पा रहा है पोर्टल में आईडी बनाने के लिए किसानों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटना पड़ रहा है पटवारी, आर आई, तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर ऑफिस में चक्कर लगाकर प्रदेश के किसान थक चुके हैं भारतीय जनता पार्टी की सरकार और भाजपा के विधायक, मंत्रियों को किसानों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। सिस्टम की खामियों और एग्रीटेक पोर्टल में पंजीयन के त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया के चलते किसानों के लिए योजनाओं का लाभ प्राप्त करना मुश्किल हो गया है।


प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि किसानों को डिजिटल पहचान देने का दावा भाजपा सरकार का जुमला है। भुईया ऐप में अनेको विसंगतियां है, कई स्थानों पर खसरा नंबर डालने पर संबंधित किसान के बजाय उनके परिजन या दूसरे व्यक्तियों का नाम दिखाई देता है, जिन किसानों की जमीन एक से अधिक गांव में है उनका पूरा रकबा सिस्टम से मैच नहीं खा रहा है, आधार से मोबाइल लिंक नहीं होने से सत्यापन के लिए ओटीपी नहीं मिल पा रहा है, एग्रीटेक पोर्टल से मिलते जुलते कई गलत वेब लिंक और पोर्टल प्रदर्शित हो रहे हैं जिससे किसानों में ठगी की आशंका है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार तमाम खामियों को सुधारने के बजाय किसानों पर पंजीयन के लिए दबाव बना रही है, इस सरकार की मंशा किसानों को मिलने वाले लाभ से वंचित करना है, यह सरकार एग्रीटेक पोर्टल में आ रही तकनीकी समस्याओं को पहले दुरुस्त करें, अपने पोर्टल पर अद्यतन रिकॉर्ड अपडेट करें और जब तक खामियां सुधार नहीं ली जाती तब तक किसानों को मैन्युअल पंजीयन का विकल्प प्रदान करें।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!