न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतरे किसान : किसान सभा ने आंदोलन जारी रखने लिया संकल्प

रायपुर. किसान विरोधी कानूनों की वापसी से उत्साहित संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर आज पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ किसान सभा, आदिवासी एकता महासभा, राजनांदगांव जिला किसान संघर्ष समिति और छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े घटक संगठनों ने सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ और सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का कानून बनाने के लिए आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।

छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि सरगुजा, सूरजपुर, रायगढ़, मरवाही, बस्तर और बिलासपुर सहित कई जिलों में आज आंदोलन हुए, जहां तीन किसान विरोधी कानूनों की वापसी पर ढोल-नगाड़े बजाकर अपनी जीत पर खुशी मनाई। इस अवसर पर किसान सभा नेताओं ने किसानों को संबोधित करते हुए बिजली संशोधन विधेयक वापस लेने और लाभकारी समर्थन मूल्य देने का कानून बनाने के साथ ही किसान आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों के पुनर्वास तथा मुआवजे और लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की भी मांग की।

आज अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज और छग किसान सभा के संजय पराते सुकमा जिले के सिलगेर में रहे, जहां उन्होंने पुलिस कैम्प स्थापित करने के खिलाफ धरनारत आदिवासियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देशव्यापी किसान आंदोलन और सिलगेर के आदिवासियों की लड़ाई एक है, क्योंकि ये दोनों लड़ाई कॉरपोरेटों के खिलाफ लोकतंत्र और संविधान बचाने की लड़ाई है

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