अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री S Jaishankar से की बात, लगाई ये गुहार


नई दिल्ली. अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सेना के हटने के बाद से हालात लगातार नाजुक होते जा रहे हैं. इस बीच अफगानिस्तान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है. मंगलवार को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार (Mohammad Hanif Atmar) ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से फोन पर बात की. उन्होंने जयशंकर से अपने देश में तालिबान द्वारा की जा रही हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं को रोकने के के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की संभावनाओं पर चर्चा की.

अफगानिस्तान में हालात बदतर

अफगान विदेश मंत्रालय ने कहा कि अतमार ने युद्धग्रस्त देश में तालिबान और विदेशी आतंकवादी समूहों के हमलों से तेजी से बिगड़ रही स्थिति के बारे में बातचीत की. साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का आह्वान किया. अतमार ने ट्वीट किया, ‘भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर के साथ अफगानिस्तान की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आपात सत्र बुलाने के बारे में चर्चा की.’

अफगानिस्तान ने भारत की भूमिका को सराहा

उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र और अंतराष्ट्रीय बिरादरी को तालिबान की हिंसा और अत्याचार से सामने आ रही त्रासदी को रोकने में अहम भूमिका निभानी चाहिए. सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में भारत की भूमिका की सराहना करता हूं.’ बता दें कि कि भारत अगस्त महीने के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है.

अफगान विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर ‘विदेशी लड़ाकों और आतंकवादी समूहों के साथ मिलीभगत’ से किए जा रहे तालिबान के हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और क्षेत्र की स्थिरता एवं सुरक्षा पर उनके संभावित परिणामों के बारे में बात की. अतमार ने जयशंकर से तालिबान और विदेशी आतंकवादी समूहों की ओर से बढ़ती हिंसा एवं मानवाधिकारों के व्यापक उल्लंघन पर बात की.

UNSC की इमर्जेंसी मीटिंग बुलाए जाने की मांग

उन्होंने प्रस्ताव दिया कि अफगानिस्तान में हिंसा की तत्काल समाप्ति पर ध्यान देने के साथ सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक आयोजित की जाए. अफगान विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर ने अफगानिस्तान में हिंसा और मानवाधिकारों के उल्लंघन के बढ़ते मामलों पर भारत की ओर से चिंता व्यक्त की और देश में शांति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया. बता दें कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद से तालिबान अफगानिस्तान में हमले कर क्षेत्रों पर लगातार कब्जा करता जा रहा है.

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