दो दिनी वार्षिक राष्ट्रीय संगोष्ठी का विधिवत् समापन

 

बिलासपुर. विकलांग विमर्श विषयक 18 वीं द्वि दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी दो सत्रों का कुशलता पूर्वक निर्वाह के साथ गीता देवी रामचंद्र अग्रवाल विकलांग अस्पताल अनुसंधान एवं निशुल्क सेवा केंद्र मोपका बिलासपुर के भव्य सभागार में उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ।
डॉ सुरेश माहेश्वरी अमलनेर महाराष्ट्र डॉ.मीना सोनी झारसुगुडा ओड़िशा ,डॉ.के. के. दुबे हरदी बाजार ,रमेश चंद्र श्रीवास्तव बिलासपुर के अध्यक्ष मंडल में विद्वानों प्राध्यापक को छात्रों ने आलेख प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की उपादेयता निर्दिष्ट करते हुए डॉ.विनय कुमार पाठक राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद ने कहा कि स्त्री दलित, आदिवासी विमर्श के बाद लिंग और जाति से रहित विशुद्ध मानवतावादी दृष्टि से विकलांग विमर्श की शुरुआत बिलासपुर की इसी संस्था से हुई है ।डॉ. पाठक ने 21वीं सदी के प्रथम दस्तक की आहट से आरंभ इस विमर्श के गंतव्य पर सार्थक विचार प्रस्तुत किये ।
डॉ. सुरेश माहेश्वरी ने इसमें चिंतन पक्ष पर प्रकाश डालते हुए इसे आज की आवश्यकता पर कारगर निर्दिष्ट किया डॉ.मीना सोनी ने साहित्य में विकलांगता के अनुशीलन अन्वेषण को अस्मिता मूलक बताया।
तृतीय सत्र के अतिथियों का स्वागत डी.पी.गुप्ता,शंकर प्रसाद दुबे,जानकीलाल विश्वकर्मा,बाल- गोविन्द अग्रवाल,प्रदीप कुमार गेंदले, बलराम चन्द्रवंशी,डाॅ.गजेन्द्र तिवारी, विष्णु कुमार तिवारी,नित्यानंद अग्रवाल, द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में वंदेमातरम् एवं छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना की प्रस्तुति राम निहोरा राजपूत जी ने की ।
शोध संगोष्ठी में आशा मेहर (रायगढ़), निशा पटेल ,यागिनी तिवारी,बालगोविन्द अग्रवाल, शगुफ्ता परवीन, डाॅ.विवेक तिवारी, राम निहोरा राजपूत,डाॅ.मीना सोनी झारसुगुडा ने विकलांगों की अस्मिता पर केन्द्रित विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रति भी परिवारजनों को ध्यान दिया जाना चाहिए । उन्होंने विकलांगता और सिनेमा पर केन्द्रित विचार व्यक्त किये ।
इस अवसर पर प्रो.के. के. दुबे (शासकीय महाविद्यालय हरदी बाजार) ने कहा कि यह महा- विद्यालय आदिवासी अंचल एवं कोयलांचल क्षेत्र में स्थित है ।आगामी दिनों में महाविद्यालय में विकलांग विमर्श पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा । इस अवसर पर महाविद्यालय और अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद् के बीच एम ओ यू किया गया ।
रमेश चन्द्र श्रीवास्तव जी ने इस अवसर पर कहा कि इस दो दिवसीय संगोष्ठी में बहुत प्रेरक विचार सामने आये हैं जिससे अवश्य ही सकारात्मक चेतना जागृत होगी ।
वहीं चौथे सत्र में डॉ. राघवेंद्र दुबे डॉ.गजेंद्र तिवारी,डॉ.इसाबेला लकड़ा एवं स्मृति सोनी वैष्णव
डाॅ अर्चना मिश्रा डिप्टी कमिश्नर अध्यक्ष मंडल में श्रीमती तुलसी देवी तिवारी,श्री वेणु रायपुर, शीतल प्रसाद पाटनवार ने शोध पत्र का वाचन किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष मंडल के डॉ.राघवेंद्र दुबे,डॉ. ईशाबेला लकड़ा, स्मृति जैन,डॉ. अर्चना मिश्रा ने अपने विचार व्यक्त किए।आभार प्रदर्शन रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने किया।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!