पूर्व मंत्री सेठ का कोई अधिकार नहीं बनता की बीते 5 साल शहर नेतृत्वहीन रहा, बोलो तो मंत्री काल के काले पीले की एक पुस्तक छपवा दू-शैलेष पांडेय
बिलासपुर. पूर्व मंत्री भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने अपने एक बयान में कहा था कि बिलासपुर नेतृत्व विहिन हो गया है। उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए शहर विधायक और बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी शैलेष पांडेय ने भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल के नेतृत्वहीन वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि 20 वर्षों तक पूरे बिलासपुर शहर में एकाधिकार जमाते हुए मनमानी करने और अपने लोगों को मनमानी करने की पूरी छूट दे रखने वाले सेठ अमर अग्रवाल को यह कहने का कोई अधिकार नहीं बनता कि 5 साल शहर नेतृत्वहीन रहा।
15 साल सिर्फ एकला चलो की अपनाई नीति.
क्योंकि 5 साल विधायक और 15 साल मंत्री रहने के दौरान सेठ अमर अग्रवाल ने एकला चलो की नीति अपनाते हुए शहर की जनता के हितों की पूरी तरह अनदेखी की और सत्ता तथा संगठन में कुंडली मारे बैठे रहे। उनकी पार्टी के कार्यकर्ता छटपटाते रहे आज भी वही कर रहे हैं। 15 साल तक पूरा शहर सेठ के ग्रहण से मुक्त नहीं हो पाया लेकिन शहर की जनता को उनके ग्रहण से 5 साल पहले ही मुक्ति मिली है। शहर की जनता और दोबारा कुंडली मार कर बैठने वाले ऐसे नकारा जनप्रतिनिधि को मौका नहीं देने वाली है।
सेठ के कार्यकाल में वार्डो की जनता और उनके पार्षद तक सेठ के कमियां लोगो से त्रस्त थे। वार्डो के लिए स्वीकृत निर्माण कार्यों पर सेठ के दरबारी लोगो का कब्जा रहता था पार्षद केवल नाम मात्र के थे। इन दरबारी लोगो को सेठ का पूरा संरक्षण प्राप्त था। सारे विभागो में कमीशन खोरी का बोलबाला था। लेकिन जानकारी होने के बाद भी सेठ हस्तक्षेप नहीं करते थे।आंगनबाड़ी और मध्यान्ह भोजन में सेठ के चहेते द्वारा भारी धांधली किए जाने के बाद भी होने वाली कार्रवाई पर सेठ का हस्तक्षेप होता था। सेठ के 15 साल मंत्रित्व काल में जितना काला पीला हुआ उस पर एक पुस्तक छापी जा सकती है। पिछले साल में जो भी कार्य हुए पूरी पारदर्शिता के साथ हुए जो सेठ को कदापि पसंद नहीं आ रहा इसलिए अपनी खामियों को छिपाने कह रहे है कि 5 साल शहर नेतृत्वहीन रहा।
सेठ के हाथों फिर से शहर का नेतृत्व देने जनता कभी भी भूल नहीं करेगी क्योंकि सेठ के अदूरदर्शिता पूर्ण नीति और कार्यों से शहर की जनता को बड़ी मुश्किल से मुक्ति मिल पाई है ।