महिला का अपहरण कर मारपीट करने वाले चार आरोपीगण को पांच-पांच साल की सजा व जुर्माना

शाजापुर. षष्ठम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शाजापुर म.प्र. द्वारा आरोपीगण भगवान सिंह पिता उमराव सिंह निवासी काशीनगर हाल मुकाम ग्राम रहेली जिला शाजापुर, कमल सिंह पिता कालू गुर्जर निवासी काशीनगर शाजापुर, देवी सिंह पिता कालू गुर्जर निवासी काशीनगर जिला शाजापुर, कमल पिता उमराव सिंह गुर्जर निवासी ज्योति नगर शाजापुर को धारा 367 भादवि में दोषी पाते हुये 5-5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1500-1500 रू अर्थदण्ड, धारा 325 भादवि में दोषी पाते हुये 3-3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1500-1500 रू अर्थदण्ड  से दण्डित किया गया।  आरोपी भगवान सिंह पिता उमराव सिंह को धारा 14 म0प्र0 राज्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत दोषी पाते हुये 2 वर्ष के कठोर कारावास व 1000 रू अर्थदण्ड  से भी दण्डित किया गया। आरोपीगण द्वरा जुर्माना अदा न किए जाने की दशा में 3-3 माह का कठोर कारावास पृथक से भुगताऐ जाने के आदेश भी दिये गये। जुर्माना अदा किये जाने पर प्रतिकर स्वरूप फरियादीया को जुर्माने की राशि में से 10000 रू अपील अवधि पश्चात अपील न होने की दशा में दिलाये जाने का आदेश भी दिया गया।

जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार एडीपीओ जिला शाजापुर ने बताया कि, घटना दिनांक 26.09.2014 को  रात्रि 08:00 बजे फरियादीया दूध लेकर पुलिस लाईन के रास्ते ईमली के पेड के पास पहुंची तभी आरोपीगण उसका रास्ता  रोककर उसे मोटरसाईकिल पर बैठाकर बस स्टेण्ड गड्डा कलाली के सामने ले गये। घटना दिनांक को फरियादीया ने न्यायालय में उक्त चारों आरोपीगण के खिलाफ बयान दिये थे इस कारण आरोपी देवीसिंह गुर्जर, कमल गुर्जर व कमल एजेंट ने उसे लकडी से मारा जिससे उसके दोनों पैर व हाथ में चोटेंआई। फरियादीया के चिल्लाने पर आरोपीगण भाग गये और बोले कि अगर उनके केस में राजीनामा नहीं किया तो उसे जान से खत्म कर देगें। घटना वहां मौजूद लोगों ने देखी थी। घटना के बाद पुलिस के पहुंचने पर फरियादीया को अस्पाताल में ईलाज हेतु भर्ती कराया गया था। फरियादीया के बताये अनुसार देहाती नालशी लेखबद्ध की गई थी जिसके आधार पर थाना कोतवाली में असल अपराध पंजीबद्ध किया गया था। थाना कोतवाली शाजापुर के द्वारा सम्पूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान सक्षम न्या‍यालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी आसिफ कमाली अतिरिक्त लोक अभियोजक शाजापुर द्वारा की गई। माननीय न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये आरोपीगण को दण्डित किया गया ।

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