इस काम से गणेश जी हो जाते है नाराज, भूलकर भी न करें यह काम
पंचांग के मुताबिक प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. चैत्र माह की विनायक चतुर्थी 5 अप्रैल, मंगलवार को पड़ रही है. इस दौरान चैत्र नवरात्रि भी रहेगी. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. शास्त्रों के मुताबिक इस दिन कुछ काम करने की मनाही है. आइए जानते हैं कि इस दिन कौन-कौन के काम नहीं करने चाहिए.
विनायक चतुर्थी पर गणेशजी की पूजा में न करें ये गलतियां
-धार्मिक मान्यता के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन गणेशजी के निमित्त जलाए गए दीपक का स्थान बार-बार नहीं बदलना चाहिए. साथ ही उस दीपक को गणेशजी के सिंहासन पर भी नहीं रखना चाहिए. दरअसल ऐसा करना बेहद अशुभ माना जाता है.
-विनायक चतुर्थी के दिन जहां गणेशजी की स्थापना करें, उस स्थान को अकेला ना छोड़ें. वहां किसी ना किसी की मौजूदगी होनी ही चाहिए. साथ ही गणेशजी की पूजा और व्रत में मन, कर्म और वचन से शुद्ध होना जरूरी है. इसके अलावा इस दिन ब्रह्मचर्य का भी पालन करें.
-धर्म शास्त्र के मुताबिक गणेशजी की पूजा में तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि ऐसे करने से गणेशजी नाराज हो जाते हैं. पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान गणेश ने तुलसी को श्राप दिया था और अपनी पूजा से वर्जित कर दिया था.
-विनायक चतुर्थी व्रत की अवधि में फलाहार की सामग्री में नमक का इस्तेमाल भूलकर भी ना करें. इसके अलावा इस दिन काले वस्त्र ना पहनें. दरअसल इसे नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.
-चैत्र विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की स्थापना इस प्रकार करें ताकि उनकी पीठ का दर्शन ना हो. माना जाता है कि पीठ का दर्शन करने से जीवन में दरिद्रता आती है.
इन मंत्रों से करें गणपति की पूजा
-‘ओम् गं गणपतये नम’ इस मंत्र के जाप से सभी कष्टों का निवारण होता है. साथ ही जीवन में खुशहाली आती है.
-‘ओम् वक्रतुंडाय हुं’ भगवान गणेश के इस मंत्र का जाप करने से काम में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं.
-‘ओम् श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा’ इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के जीवन से आर्थिक समस्या से छुटकारा और रोजगार में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.