गौरा-गौरी पूजा की जुनाबिलासपुर में रही धूम

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भक्तीमय महौल में पचरीघाट में किया गया विर्सजन

 

बिलासपुर/अनिश गंधर्व.  गौरी-गौरा की पूजा भगवान शिव- पार्वती के रूप में की जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। शहर के जुनाबिलासपुर परिक्षेत्र में भी इस पर्व को धूमधाम से मनाया गया। दयालबंद, नारियल कोठी, डोंगाघाट, करबला, कतियापारा आदि स्थानों में गौरा-गौरी की पूजा धूमधाम से की गई। इस पर्व को मनाने वाले लोगों में भारी उत्साह का महौल रहा। डोंगाघाट में महिलाओं और युवाओं में शिव मंदिर के सामने गौरा-गौरी की मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना गई। इसके बाद विधि-विधान से विसर्जन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में महिलाएं और युवा शामिल हूए। जूना बिलासपुर के प्रतिष्ठित साव परिवार द्वारा विसर्जन के दौरान माता-गौरी और भगवान शिव की पूजा अर्चना की गई। इसी तरह दयालबंध मधुवन रोड में भी महिलाओं ने चंदा एकत्र कर मूर्ति विराजित कर पूजा की गई। विधायक शैलेश पाण्डेय ने भी गौरा-गौरी की पूजा अर्चना कर महिलाओं द्वारा किए जा रहे इस पुनित कार्य की सराहना की।

सोटा मारने की है परंपरा

गौरा-गौरी की पूजा के दौरान माता डढिय़ा की अहम भूमिका होती है। पूजा के दौरान उन्हें भी स्थान दिया जाता है। पूजा के दौरान कई लोगों में दैविक शक्ति शमा जाती है जिन्हें शांत कराया जाता है। पूरे कार्यक्रम में सोटा मारने की परंपरा है। पूजा में शामिल लोगों का कहना है कि सोटा खाने से सारे पाप धूल जाते हैं और भगवान सोटा के रूप में आर्शिवाद देते हैं।

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