November 22, 2024

ग्रामीण महिलाओं के जीवन में गौठानों ने भरा संपन्नता का नया रंग


बिलासपुर. ग्रामीण महिलाओं के जीवन में गौठानों ने आर्थिक संपन्नता का एक नया रंग भर दिया है। ग्रामीण महिलाओं को समूह के माध्यम से एक ही समय में एक से अधिक कार्य करके आर्थिक मजबूती प्राप्त करने का रास्ता गौठानों ने बखूबी दिखाया है। जिले में 127 गौठानों में 204 स्व सहायता समूह की 1481 महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलम्बी हो गई है एवं अन्य महिलाओं को भी इस दिशा में प्रेरित कर रही है। गौठानों में 15 आजीविका गतिविधियां संचालित है। जिनसे बिलासपुर जिले में 2 करोड़ 72 लाख रूपए से अधिक का कारोबार किया जा चुका है।
जिले में गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सामुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, गोबर दिया, गोबर गमला, अगरबत्ती, साबुन निर्माण सहित करीब 15 गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिले में गौठानों के माध्यम से 1 लाख 33 हजार 263 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। 18 हजार 670 क्विंटल वर्मी खाद बनाया गया है एवं 16 हजार 301 क्विंटल वर्मी खाद की बिक्री की गई है। इसी प्रकार 14 हजार 172 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट बनाया गया है एवं 6 हजार 787 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट खाद की बिक्री की जा चुकी है।


शिवतराई की महिलाओं ने बनाया कीर्तिमान 
एक ही समय में कई गतिविधियां संचालित कर आर्थिक मजबूती प्राप्त करने के मामले में शिवतराई की महिलाओं ने कीर्तिमान बनाया है। समूह की महिलाओं ने बीते दो साल में 10 लाख रूपए की खाद एवं साढ़े चार लाख रूपए का केंचुआ बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर ली है। यहां आशीष महिला स्व सहायता समूह ने मुर्गी पालन से 12 हजार 877 रूपए की आमदनी अर्जित की है।


महामाया स्व सहायता समूह की महिलाएं बनी रोल माॅडल
कोटा विकासखण्ड में महामाया महिला स्व सहायता की महिलाओं ने दो वर्षाें में 1037 क्विंटल खाद तैयार कर बिक्री की है। सहकारी समितियों में खाद की बिक्री कर इन्हें 10 लाख से अधिक की आमदनी हुई है। बाड़ी विकास के अंतर्गत समूह की महिलाएं 6 एकड़ में सब्जी की खेती कर रही है। हल्दी की बिक्री से उन्हें 25 हजार रूपए का मुनाफा हुआ है। 65 किलोग्राम मशरूम की बिक्री से समूह को 16 हजार 250 रूपए की आमदनी मिली है।

सेलर गौठान में शिव शक्ति महिला समूह 
बिल्हा विकासखण्ड के सेलर गौठान में शिव शक्ति की महिला समूह ने दोना पत्तल के व्यवसाय से अब तक 74 हजार 200 रूपए की शुद्ध आय अर्जित की है। आसपास के ग्रामीण बाजारों मेें समूह की महिलाओं ने अपनी अच्छी पकड़ जमा ली है।

कुकदा की महिलाएं हुई सशक्त 
मस्तूरी विकासखण्ड के कुकदा गौठान में सब्जी उत्पादन कर अन्नपूर्णा स्व सहायता समूह की महिलाओं ने 55 हजार रूपए एवं वर्मी खाद निर्माण से 27 हजार रूपए की आय अर्जित कर ली है। गौठानों को मल्टीएक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक स्व सहायता समूहों का आजीविका के क्षेत्र में बेहतर विकास किया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने के लिए किसान अब 31 अक्टूबर तक करा सकेंगे खरीफ फसलों का पंजीयन
Next post शासन की मदद एवं स्वयं की मेहनत से हुसैन ने अपनी राह खुद बनायी
error: Content is protected !!