मुसीबत में गूगल, ‘भ्रामक’ एंड्रायड लोकेशन ट्रैकिंग के लिए मुकदमा दायर
सैन फ्रांसिस्को. गूगल के खिलाफ एंड्रॉइड उपकरणों (Android Devices) पर लोकेशन डेटा के ‘भ्रामक’ संग्रह के लिए मुकदमा दायर किया गया है. तीन राज्यों के अटॉर्नी जनरल और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया ने टेक दिग्गज (Tech Giant) पर मुकदमा दायर किया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि गूगल ने ‘अनजाने में या आउट ऑफ डेस्पेरेशन’ ज्यादा जानकारी साझा करने के लिए ‘बार-बार भ्रामक दबाव रणनीति (Deceptive Pressure Strategy) और भ्रामक विवरण’ के साथ एंड्रायड यूजर्स को पुश किया.’
‘ग्राहक डेटा से लाभ प्राप्त करता है गूगल’
डीसी अटॉर्नी जनरल कार्ल रैसीन (DC Attorney General Karl Racine) ने एक बयान में कहा, ‘गूगल ने यूजर्स को झूठा विश्वास दिलाया कि उनके खाते और डिवाइस की सेटिंग बदलने से ग्राहक अपनी गोपनीयता (Privacy) की रक्षा कर सकेंगे और कंपनी के व्यक्तिगत डेटा (Data) को नियंत्रित कर सकेंगे.’ रैसीन ने कहा, ‘सच्चाई यह है कि गूगल के प्रतिनिधित्व के विपरीत यह व्यवस्थित रूप से ग्राहकों का सर्वेक्षण (Survey) करता है और ग्राहक डेटा (Customer Data) से लाभ प्राप्त करता है.’
यूजर्स को किया भ्रमित
मुकदमा (Court Case) स्थान डेटा संग्रह (Location Data Collection) पर एरिजोना अटॉर्नी जनरल द्वारा दायर 2020 की शिकायत पर आधारित है. ताजा मुकदमे का दावा है कि गूगल की सेटिंग (Setting) ‘यूजर्स को गूगल द्वारा एकत्रित और उपयोग किए जाने वाले लोकेशन डेटा पर नियंत्रण प्रदान करने के लिए है लेकिन इन सेटिंग्स के गूगल के भ्रामक (Misleading), अस्पष्ट और अधूरा स्पष्टीकरण गारंटी देता है कि यूजर्स यह नहीं समझेंगे कि उनकी लोकेशन कब एकत्र की गई और रिटेन (Retain) कर ली गई.’
गूगल का बयान
एक बयान में गूगल ने कहा, ‘अटॉर्नी जनरल गलत दावों और हमारी सेटिंग के बारे में पुराने दावों के आधार पर एक मामला ला रहे हैं.’ इस बीच गूगल ने अमेरिका में एक एंटीट्रस्ट मुकदमे (Antitrust Lawsuits) के खिलाफ अदालत का रुख किया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (CEO Sundar Pichai) और मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (CEO Mark Zuckerberg) एक गुप्त विज्ञापन मिलीभगत की साजिश में शामिल थे.
‘व्यक्तिगत रूप से एक गुप्त सौदे को दी मंजूरी’
टेक्सास के अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन के नेतृत्व में पिछले हफ्ते दायर किए गए मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि जुकरबर्ग और पिचाई ने ‘व्यक्तिगत रूप से एक गुप्त सौदे (Secret Deal) को मंजूरी दी थी जिसने सोशल नेटवर्क (Social Networks) को खोज दिग्गज (Giant) की ऑनलाइन विज्ञापन नीलामी (Online Advertising Auction) में एक अड़ंगा लगाया था.’