सरकार 21 क्विंटल के आधार पर खरीदी नहीं कर रही – दीपक बैज
- अनावरी रिपोर्ट जानबूझकर कम बनाया गया ताकि खरीदी कम हो
रायपुर। सरकार किसानों का 21 क्विंटल धान की खरीदी नहीं करना चाह रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में सोसायटी वार जो अनावरी रिपोर्ट बनाया गया उसमें 75 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों में अनावरी रिपोर्ट षड़यंत्रपूर्वक 21 क्विंटल से कम 9, 10, 14, 16 क्विंटल बनवाया गया है। खरीदी अनावरी रिपोर्ट के आधार पर की जा रही है। कम खरीदी करने के बाद झूठा दावा किया जा रहा कि पूरा 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी हो रही है। सरकार प्रदेश के सभी जिलों की अनावरी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दे सच्चाई सामने आ जायेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि टोकन काटने के बाद भी किसान अपना धान बेच नहीं पा रहे है, क्योंकि टोकन कटने की तारीख से 3 से 7 दिन बाद धान बेचने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है। ऑनलाइन 15 दिसंबर तक टोकन नहीं मिल रहा। सोसाइटियों को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है। ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है। सरकार भले ही घोषणा कर रही है पूरा धान खरीदेंगे, लेकिन जिस रफ्तार से खरीदी हो रही उससे किसान चिंतित है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान खरीदी केन्द्रों में फैली अव्यवस्था, बारदानों की कमी तथा टोकन के लिये सरकार द्वारा जारी किये गये निर्देशों तथा मीलरों द्वारा धान का उठाव नहीं करने के कारण किसान परेशान है। समितियों में बारदाने की कमी है। सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार धान खरीदी सुचारू रूप से चलाने का झूठा दावा कर रही है। सरकार किसानों को तथा समस्या उठाने वालों को धमकाने के बजाय कमियां दुरूस्त करें। धान खरीदी केन्द्रों में फैली अव्यवस्था और सरकार द्वारा जारी फरमान के कारण किसानों को धान बेचने में परेशानी हो रही। सरकार के द्वारा 14 नवंबर से 31 जनवरी तक कुल 75 दिन के अंदर धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित है, इसमें से 30 दिनों लगभग एक महिना से अधिक छुट्टी है, अर्थात लगभग 45 दिन ही सरकार धान खरीदी करेगी। मात्र 45 दिनों में 30 लाख से अधिक किसानों के धान की खरीदी संभव नही। प्रतिदिन 3.5 लाख से 4 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जायेगी तभी निर्धारित लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो पायेगी।