प्रदूषण पर कंट्रोल के लिए सरकार ने जारी की गाइडलाइन, 30 नवंबर तक लागू रखने के आदेश
नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में बढ़े प्रदूषण ने केंद्र और दिल्ली सरकार की नींद हराम कर दी है. इसे कंट्रोल करने के लिए लगातार कदम उठाए दा रहे हैं. भारत सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) का गठन किया है. आयोग ने प्रदूषण को लेकर खास निर्देश जारी कर दिए हैं जो 21 नवंबर तक लागू रहेंगे. इस बीच इस मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में भी अहम सुनवाई होगी.
दिल्ली-NCR में स्कूल बंद
CAQM ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए अगले आदेश तक एनसीआर के स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है. बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से हीती रहेगी. बता दें कि दिल्ली सरकार पहले ही स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान को 20 नवंबर तक बंद रखने का आदेश चुकी है.
कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज पर रोक
अपने आदेश में CAQM ने यह भी कहा कि दिल्ली-एनसीआर में 21 नवंबर तक किसी भी तरह की कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर रोक लगी रहेगी. हालांकि रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, बस टर्मिनल और रक्षा से जुड़े प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन इस रोक से बाहर रहेंगे और धूल को नियंत्रित करने के मानदंडों के साथ चलते रहेंगे. आदेश में धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव करने, एंटी स्मॉग गन को भी तैनात करने के आदेश दिए हैं.
6 पावर प्लांट्स बंद
CAQM ने दिल्ली के 300 किलोमीटर के रेडियस में मौजूद 11 में सिर्फ 5 कोयले से बिजली बनाने वाले पावर प्लांट्स को काम करने की अनुमति दी है. बाकी के पावर प्लांट्स 30 नवंबर तक प्रदूषण के चलते बंद रहेंगे. जिन 5 पावर प्लांट्स को अनुमति मिली है उनमें हरियाणा के झज्झर स्थित NTPC का पावर प्लांट, महात्मा गांधी थर्मल पावर प्लांट, हरियाणा के पानीपत स्थित HPGCL का पावर प्लांट, पंजाब के राजपुरा स्थित नाभा पावर प्लांट और पंजाब के ही मनसा स्थित तलवंडी साबो थर्मल पावर प्लांट शामिल हैं.
पावर प्लांट्स बंद, कहां से मिलेगी बिजली?
CAQM ने कहा है कि कुछ पावर प्लांट्स बंद होने की वजह से अगर बिजली की कमी होती है तो सरकारें 300 किलोमीटर के रेडियस के बाहर के पावर प्लांट्स से बिजली खरीदकर इस कमी को दूर करेंगी.
ट्रकों की एंट्री पर रोक
दिल्ली में जरूरी सामान को लाने वाले ट्रकों को छोड़कर बाकी सभी ट्रकों पर 21 नवंबर तक प्रतिबंध रहेगा. CAQM के आदेश के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर रोक लगी हुई है फिर भी यह गाड़ियां सड़कों पर चलती हैं जो कि गंभीर विषय है और प्रशासन इसपर कड़ी कार्रवाई करे.
राज्य सरकारों को करना होगा ये काम
CAQM ने अपने आदेश में दिल्ली और एनसीआर की राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वो ज्यादा ट्रैफिक वाले पॉइंट्स, भीड़भाड़ वाली बाजारों और अनाधिकृत पार्किंग की जगहों की निगरानी करे, जिससे गाड़ियों की भीड़ न लग पाए और ट्रैफिक सामान्य रूप से चले.
CNG बसें खरीदने के आदेश
दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण के चलते CAQM ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि दिल्ली सरकार जल्द नई CNG बसों की खरीद कर उसे सड़कों पर उतरे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पब्लिक ट्रासंपोर्ट का इस्तेमाल करें और प्रदूषण कम हो.
कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा
CAQM ने अपने आदेश में एनसीआर की राज्य सरकारों से कहा कि वो अपने सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले 50% स्टाफ को घर से काम करने की सुविधा दे और प्राइवेट संस्थानों को भी 50% कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने के लिए प्रोत्साहित करे. आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर पर भी प्रदूषण के चलते पबंदी लगाई है.
फैक्ट्रियों से होने वाले प्रदूषण पर रोकथाम के लिए आदेश में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ वो ही फैक्ट्रियां चल सकेंगी जो गैस ईंधन पर चलती हैं. CAQM ने दिल्ली-एनसीआर के राज्यों के मुख्य सचिवों से इन आदेशों को लागू करने के लिए रोजाना निगरानी करने और 22 नवंबर तक CAQM के पास इन आदेशों के अनुपालन की रिपोर्ट देने को कहा है.