Health Tips : आयुर्वेदिक डॉ. ने सेहत के लिए बारिश के मौसम को बताया सबसे घातक, गंभीर रोगों से बचाव के लिए अपनाएं ये टिप्स
बारिश का मौसम तमाम लोगों के लिए खुशहाली लेकर आता है तो कइयों के लिए तरह-तरह की बीमारियां भी साथ लाता है। आयुर्वेद डॉक्टर ने बारिश के सीजन को सबसे घातक बताया गया है। इसके साथ ही डॉ. ने तमाम तरह की वजह और बीमारियों से बचने के बेहतर तरीके भी सुझाए हैं।
कुछ लोगों को बारिश का मौसम काफी पसंद होता है तो कइयों को ये सीजन जरा भी राज नहीं आता है। हालांकि, अधिकतर लोग इस मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं। मालूम हो कि भारत के कई हिस्सों में मॉनसून आ चुका है तो कइयों में बहुत जल्द आने वाला है। बारिश आते ही ठंडी हवा और हरियाली नजर आने लगती है लेकिन इसी के साथ ये मौसम तमाम तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। इसी सीजन में डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। वहीं आयुर्देविदक के अनुसार भी बारिश के मौसम को सबसे बेकार माना जाता है।
बारिश से असंतुलित हो जाते हैं शरीर के दोष
- बचाव के लिए आपको इन बातों को दिमाग में रखना चाहिए।
- हल्का और ताजे भोजन का सेवन करें
- उबला हुआ पानी या हर्बल चाय पिएं
- तेल वाले आहार से बचें
- बासी भोजन से बचें
- शहद को डाइट में शामिल करें
- तेल की बजाए घी का सेवन करें
- लंच की आखिरी बाइट के बाद बटर मिल्क यानी यानि छाछ पिएं
- खाने में एक साल पुराने अनाज का सेवन करें
इस प्रक्रिया का प्रयोग शरीर के विषैले पदार्थों से निर्मल करने के लिए किा जाता है। आयुर्वेद कहता है कि असंतुलित दोष शरीर में तमाम तरह के विषाक्त यानी टॉक्सिन उत्पन्न करता है लिहाजा पंचकर्मा उनके लिए सबसे अच्छी थेरेपी है।
इसलिए बारिश में आयुर्वेद के वात, पित्त और कफ त्रिदोषों को संतुलित रखने के लिए हमें अपना बचाव स्वंय करना होगा। खासतौर से तब जब हम पहले से ही कोविड जैसी महामारी का सामना कर रहे हों।