कला, संस्कृति, ज्ञान का मंदिर है हिंदी विश्वविद्यालय : प्रेरणा देशभ्रतार
वर्धा. वर्धा की जिलाधिकारी श्रीमती प्रेरणा देशभ्रतार ने कहा कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की गतिविधियों के कारण वर्धा जिले का नाम विश्व पटल पर आ गया है। अपनी एक अलग पहचान रखने वाला यह विश्वविद्यालय कला, संस्कृति और ज्ञान का मंदिर है। 7 से 17 जून तक आयोजित सर्जनशीलता संवर्धन शिविर का समापन शुक्रवार 17 जून को गालिब सभागार में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी श्रीमती प्रेरणा देशभ्रतार ने शिविर के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि शिविर जैसे आयोजनों से विश्वविद्यालय वर्धा शहर के लोगों से भी जुड़ा हुआ है। इसके जिले का भी नाम रौशन होता है। आज़ादी के अमृत महोत्सव में विश्वविद्यालय में डाॅ. आंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र शुरू हो रहा है और हाल ही में रिद्धपुर में भी मराठी भाषा में अनुसंधान की दृष्टि से केंद्र स्थापित किया गया है। ऐसे नवाचारी उपक्रमों के कारण देश-विदशों के विद्यार्थी वर्धा आ रहे हैं, इससे जिले का गौरव बढ़ता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि कला, संस्कृति और साहित्य को प्रोत्साहन देने वाले कार्यक्रमों के लिए जिला प्रशासन हरसंभव विश्वविद्यालय के साथ है। अध्यक्षीय वक्तव्य में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने बच्चों की प्रतिभाओं को निखारने की दृष्टि यह शिविर अत्यंत सफल प्रयोग रहा है, इसे आगे भी जारी रखा जाएगा। उन्होंने बच्चों और अभिभावकों को धन्यवाद दिया।
समापन कार्यक्रम रामनगर थाना के पोलिस निरीक्षक हेमंत चांदेवार, प्रतिकुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल और प्रो. चंद्रकांत रागीट सहित अध्यापक, अभिभावक एवं कर्मचारी उपस्थित थे। समारोह में बच्चों ने नृत्य और आत्मरक्षा की रंगारंग प्रस्तुतियाँ देते हुए सबका मन मोह लिया। चरित्र नाटकों के माध्यम से 22 नायकों के चरित्र को अभिनय से मंच पर उतारा। बच्चों ने मेरा जुता है जापानी, ऐ मेरे वतन के लोगों, ये देश है हमारे जवानों का जैसे देशभक्ति पर गीतों पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किये तथा लाठी काठी से आत्मरक्षा की प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर कुलपति प्रो. शुक्ल और जिलाधिकारी श्रीमती प्रेरणा देशभ्रतार ने प्रशिक्षक मोहित सहारे, आशीष ठाकरे, मंगेश भोंगाडे, अक्षय सोमनकार, रागिनी ठाकरे, भावेश नेवारे, पूजा गोसटकर और पलक लक्षणे को शाॅल, स्मृतिचिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। शिविर की सफलता हेतु पवन कुमार, आरती गुडधे, अरविंद कुमार, रवि वानखडे आदि ने प्रयास किये। कार्यक्रम का संचालन शिविर के संयोजक, दर्शन एवं संस्कृति विभाग के अध्यक्ष डॉ. जयंत उपाध्याय ने किया यथा आभार कुलसचिव कादर नव़ाज ख़ान ने माना।