हिंदी विश्वविद्यालय का थाईलैंड के नाखोत राजभट विश्वविद्यालय के बीच हुआ समझौता ज्ञापन
वर्धा: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय और नाखोन रत्चासिमा राजभट विश्वविद्यालय, थाईलैंड के बीच शैक्षणिक सहयोग पर समझौता ज्ञापन किया गया। जिसपर विवि के कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह एवं नाखोन रत्चासिमा राजभट विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एदिसोर्न नावोवानोंदा ने शुक्रवार, 13 सितंबर को सवांद कक्ष में हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शैक्षणिक और शैक्षिक सहयोग विकसित करना और दोनों विश्वविद्यालयों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना है। दोनों विश्वविद्यालय समानता और पारस्परिकता के आधार पर आपसी हित के शैक्षणिक क्षेत्रों में सहयोगी गतिविधियों को विकसित करने के लिए सहमत हुए है। जिसमें संकाय सदस्यों का आदान-प्रदान, छात्रों का आदान-प्रदान, संयुक्त शोध कार्यक्रम, संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम, संयुक्त सम्मेलन और कार्यशालाएँ, संयुक्त हिंदी गहन कार्यक्रम और अंग्रेजी-हिंदी तथा अंग्रेजी-हिंदी अनुवाद कार्यक्रम तथा दोनों पक्षों द्वारा अन्य गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
यह समझौता ज्ञापन दोनों विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर करने की तिथि से पांच साल की अवधि के लिए वैध है। दोनों विश्वविद्यालयों का इरादा है कि इस समझौता ज्ञापन को दोनों विश्वविद्यालयों द्वारा समीक्षा और पुनर्वार्ता के बाद नवीनीकृत किया जाएगा।
इस अवसर पर थाइलैंड विवि के सहायक प्रोफेसर अर्नत जयसामरार्न, सहायक प्रोफेसर सिरिवादी, सुश्री मयूरी कांता, श्री सासासिरी, सुश्री डोनलया, हिंदी विवि के कुलसचिव प्रो. आनन्द पाटील, श्री चमनलाल प्रवासन एवं डायस्पोरा अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. राजीव रंजन राय, अनुवाद अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. श्रीनिकेत मिश्र, वित्ताधिकारी पी. सरदार सिंह, परीक्षा नियंत्रक कादर नवाज़ ख़ान, जनसंपर्क अधिकारी बी.एस. मिरगे, हिंदी अधिकारी राजेश कुमार यादव, पवन कुमार एवं उमाशंकर प्रमुखता से उपस्थित थे।