क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने से हिंदी और मजबूत होगी-डॉ.पाठक
बिलासपुर. विश्व हिन्दी परिषद् शिक्षा प्रकोष्ठ द्वारा विश्व हिन्दी दिवस पर विचार एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन संस्कार भवन पुराना सरकंडा में किया गया।
आयोजन केमुख्य अतिथि डाॅ.विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग एवं कुलपति थावे विद्यापीठ गोपालगंज बिहार के मुख्य आतिथ्य अध्यक्षता न्यायमूर्ति चन्द्रभूषण एवं डाॅ.अरुण कुमार यदु,अशोक शर्मा, डाॅ.अर्चना मिश्रा डिप्टी कमिश्नर, डाॅ. रंजना चतुर्वेदी प्राचार्य डीएल एस महाविद्यालय, डाॅ. राघवेन्द्र कुमार दुबे प्रांतीय अध्यक्ष तुलसी साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ इकाई के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ.विनय कुमार पाठक ने कहा कि हिन्दी को स्वयमेव स्वीकार करते हुए इसके विकास के लिए अपना योगदान देना होगा ।उन्होंने कहा कि यदि क्षेत्रीय भाषाओं तथा उर्दू आदि को शामिल किया जाय तो हिन्दी की स्थिति और मजबूत होगी ।
अध्यक्षीय उदबोधन में न्यायमूर्ति चन्द्रभूषण वाजपेयी जी ने अपने उद्बोधन में” वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी “विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। विशिष्ट अतिथि डाॅ.ए. के.यदु, डाॅ. रंजना चतुर्वेदी, डाॅ.अर्चना मिश्रा, डाॅ.राघवेन्द्र कुमार दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।
.स्वागत भाषण में डाॅ.संगीता बनाफर प्रांतीय अध्यक्ष विश्व हिन्दी परिषद् ने परिषद् के गठन एवं कार्य योजना की जानकारी दी । प्रथम चरण का संचालन डाॅ.राघवेन्द्र कुमार दुबे ने किया । द्वितीय चरण में पूर्णिमा तिवारी के संचालन में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें बिलासपुर एवं अंचल के कवियों एवं कवयित्रियों द्वारा काव्य पाठ किया गया । आयोजन के अंत में आभार प्रदर्शन अंजनी कुमार तिवारी सुधाकर ने किया ।