यदि मोदी की सुरक्षा में चूक हुई है तो गृहमंत्री शाह इस्तीफा दे : मोहन मरकाम

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले का रूकना यदि वे सुरक्षा चूक में आता है तो इसके लिये मुख्य रूप से जवाबदेह केंद्रीय गृह मंत्रालय है। गृहमंत्री अमित शाह इस चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दें। पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की नही बल्कि एसपीजी की होती और एसपीजी सुरक्षा प्राप्त हर व्यक्ति का रूट चार्ट एसपीजी के निगरानी में होता है और वो 48 घंटे पूर्व में उन सारे जगहों को अपने अधीन कर लेते है, पूरे रास्ते में एसपीजी के लोग अपने हिसाब से सुरक्षा घेरा बनवाते हैं, राज्य प्रशासन भी उन्हीं के मातहत होता है। क्या एसपीजी ने ऐसा नही किया ? और यदि नहीं किया तो क्यों नही किया और नही करने के कारण एसपीजी के प्रमुख और गृहमंत्री इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनसे इस्तीफा कब लिया जाएगा? फिरोजपुर में जहां किसानों ने रास्ता रोका वह क्षेत्र राज्य सरकार के पुलिस के अंतर्गत आता ही नही क्योंकि मोदी सरकार के “दखलदांजी नीति“ के कारण हाल ही में बॉर्डर क्षेत्र के 50 किमी क्षेत्र को बीएसएफ के निगरानी में दे दिया गया है और वो रास्ता बॉर्डर के 10 किमी दूरी पर है तो क्या केंद्र सरकार मानती है कि बीएसएफ ने पीएम के सुरक्षा क्षेत्र की निगरानी सही से नही की ? और यदि ऐसा है तो बीएसएफ के मुखिया होने के नाते गृह मंत्री इस्तीफा देंगे? प्रधानमंत्री को हैलीकॉप्टर से 112 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी जैसा कि उनके कार्यालय से 04 जनवरी को जारी हुए दौरा कार्यक्रम में वर्णित है और उसी आधार पर सुरक्षा व्यवस्था एसपीजी, आईबी, इंटेलिजेंस तथा केंद्रीय गृह विभाग द्वारा की गई थी पंजाब शासन के साथ समन्वय करके, मगर उन्होंने अचानक से कार में जाने का फैसला आखिर किसके सलाह पर लिया और क्या 112 किमी सड़क को बिना पूर्व सूचना के सुरक्षाकर्मियों द्वारा घेर पाना सम्भव है? क्या अंतिम समय में इस बदलाव के जिम्मेदारों पर कार्यवाही होगी? यह तय है कि यह बदलाव राज्य प्रशासन ने नहीं बल्कि केंद्रीय प्रशासन या फिर स्वयं प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत स्तर पर लिया है। केंद्र सरकार भी जानती है कि पंजाब में किसान मोदी सरकार के विरोध में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि अभी भी उनकी कई मांगों पर केंद्र उदासीन है और वापस लिए तीनों कृषि कानूनों को पुनः लाने की बात केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल और अनेक भाजपा नेता कर रहे जिससे किसानों और केंद्र सरकार में अविश्वास का माहौल है। पंजाब के कुछ किसान संगठनों ने पीएम के कार्यक्रम के विरोध की बात भी कही थी, ऐसे में गृहमंत्रालय को या पीएमओ को पीएम के कार्यक्रम को 112 किमी के रूट को यकायक सड़क मार्ग से करने की क्या आफत पड़ी? पीएम की सुरक्षा से असल खिलवाड़ इन दोनों विभाग का है क्या पीएम इन पर कठोर कार्यवाही करेंगे? आईबी की इंटेलिजेंस कहाँ थी, क्या वो पीएम के सुरक्षा में होने वाले चूक को पहले नही भांप पाई और यदि आईबी को पूरे घटना की जानकारी नही हो सकी तो क्या आईबी के मुखिया के रूप में गृह मंत्री इस्तीफा देंगे ?

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