इफको नैनो यूरिया बिक्री का शुभारंभ : 50 प्रतिशत यूरिया के बदले नैनो के उपयोग से लगभग 29 हजार करोड़ रूपए सब्सीडी की होगी बचत
बिलासपुर. खेतो में 50 प्रतिशत यूरिया के बदले में नैनो यूरिया (तरल) के उपयोग से लगभग 29 हजार करोड़ की सब्सिडी की बचत होगी। किसानो के साथ-साथ पर्यावरण को भी फायदा होगा। इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर को आपरेटिव लिमिटेड (इफको) सहकारिता विभाग एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम मे इफको नैनो यूरिया (तरल) बिक्री का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर थे। इस अवसर पर अपने संबोधन में चंद्राकर ने कहा की कृषि, सहकारिता व बैंक मिलकर कार्य करेंगे तभी सरकार के उद्देश्य की पूर्ति होेगी और किसानो का कल्याण होगा। श्री चंद्राकर ने कहा कि इफको किसानो की अपनी संस्था है। पर्यावरण को नुकसान न हो इसको ध्यान में रखकर नैनो यूरिया उत्पाद तैयार किया गया है। इफको ने यह उत्पाद लाकर किसानो के लिए उपकार का कार्य किया है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में इफको का कारखाना स्थापित हो इसके लिए प्रयास किया जायेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय सहकारी बैंक बिलासपुर के अध्यक्ष प्रमोद नायक ने कहां कि नैनो यूरिया कृषि जगत के लिए एक चमत्कार है। जिसके उपयोग से किसानो को लाभ मिलेगा। इसके आने से भारत की अर्थ व्यवस्था में बहुत फर्क पड़ेगा। इफको के राज्य विपणन प्रबंधक एस.के. चैहान ने नैनो यूरिया पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि पूरे देश में इसकी बिक्री प्रारंभ हो गई है। यूरिया की 45 किलो की एक बोरी जितना काम करती है उतना ही 500 एमएल की नैनो यूरिया की बाॅटल करेगी। विश्व मे पहली बार इस तकनीक का विकास इ्फको द्वारा किया गया। उन्होने बताया कि खेतो में एक बोरी यूरिया डालने पर उसका 30 से 40 प्रतिशत ही उपयोग होता है। शेष 60 से 70 प्रतिशत यूरिया गैस बनकर वायु को प्रदूषित करता है। वही पानी में भी घुलकर जमीन मे चला जाता है और जल को प्रदूषित करता है। साथ ही इसके अत्यधिक उपयोग से मिट्टी अम्लीय होने लगती है। तरल यूरिया के उपयोग से पर्यावरण के साथ-साथ किसानो को भी फायदा है। उन्होने बताया कि गतवर्ष 11 हजार किसानो के खेतो में 91 फसलो मे इसका परीक्षण तथा 41 विश्वविद्यालयों मे रिसर्च प्रकाशित होने के बाद नैनो को बिक्री के लिए लाया गया है। खेतो में 50 प्रतिशत दानेदार यूरिया के बदले नैनो यूरिया के उपयोग से फसलो के उत्पादन में लगभग साढ़े चार प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। उन्होने बताया कि यूरिया की एक बोरी की कीमत 266 रूपए है वही नैनो यूरिया का 500 ,एमएल 240 रूपए मे किसानो के लिए उपलब्ध है। कार्यक्रम का संचालन इफको के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक नवीन कुमार तिवारी ने किया इस अवसर पर अपेक्स बैंक, कृषि सहकारिता विभाग के अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, जिला सहकारी बैंक सीईओ, सहकारी बैंको के शाखा प्रबंधक, पर्यवेक्षक, समिति प्रबंधक उपस्थित थे।