March 16, 2021
अवैध प्लाटिंग और सैकड़ो सागौन के पेड़ काट डाले,राजस्व विभाग पर लगा सरक्षण देने का आरोप
बिलासपुर. सागौन के 180 नग पेड़ो को काट कर रतनपुर मे अवैध जमीन की ब्रिक्री करने के इरादे से आर.आई पटवारी से साठगांठ कर पेड़ो की कटाई का अनुमति लिया जा रहा है। जिसे रोकने के लिए क्ष्ोत्रवासी ने बिलासपुर कलेक्टर से फरीयाद लगाते हुए। जानबूझकर मूल राजस्व दस्तावेजों के विपरीत विधि से मनमाने ढ़ग से तैयार किया गया है। ऐसे में पेड़ के कटने से पर्यावरण को नुकसान होने की बात कहते हुए। 180 नग सागौन का संरक्षण कर उनकी होने वाली कटाई पर रोक लगाने आवेदन दिया गया है।
आवेदक उसमान कुरैशी ने बताया कि रतनपुर के आर. आई. एवं पटवारी के द्बारा अन्य कर्मचारियों के साथ जांच प्रतिवेन तैयार किया गया है जिसे तहसीलदार रतनपुर द्बारा 26 फरवरी को पत्र के माध्यम से कलेक्टर भ्ोजा है। उक्त प्रतिवेदन को तैयार करने में जिस प्रकार तत्परता दिखाई गई है उससे उनकी भूमिका प्रथम दृश्टया संदिग्ध है। प्रतिवेदन जानबूझकर मूल राजस्व दस्तावेजों के विपरीत विधि विरूद्ध कार्य कर मनमाने ढंग से तैयार किया गया है।
जिससे कि उक्त जमीन को अवैध प्लाट्रिंग कर बेचा जा सके। जिस जमीन पर वृक्ष काटने की अनुमति चाही गई है उसका खसरा नंबर 682/2 जो रतनपुर नगरपालिका क्षेत्र के शहरी आबादी से लगा हुआ है जो कि पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिस व्यक्ति के द्बारा वृक्ष काटने की अनुमति चाही गई है उस व्यक्ति के द्बारा इसी खसरा नंबर के बटांकित नंबर जमीन को सुनियोजित तरीके से पहले तीन चार लोगों को बेचकर फिर उन तीन चार लोगों द्बारा अन्य लोगों को छोटे-छोटे टुकड़े कर बेचा गया है। इसकी पुष्टि रतनपुर तहसील कार्यालय के नामांतरण पंजी का अवलोकन कर किया जा सकता है। इसमें पटवारी, राजस्व निरीक्षक और तत्कालीन तहसीलदार की संलिप्तता स्वत: प्रमाणित है।
नियम के विपरीत लिया जा रहा अनुमति
आवेदनकर्ता ने बताया कि वृक्षों के काटने के संदर्भ में छत्तीसगढ राज्य मंे बनाएं गए नियम 1 (ख) कोई वृक्ष किसी सड़क या बैलगाड़ी के रास्ते के मध्य से 15 मीटर तथा किसी पगडंडी से 6 मीटर के भीतर न तो काटा जाएगा न गिराया जाएंगा, न उसका तना छीलकर घेरा जाएगा और न उसे अन्यथा नुकसान पहुंचाया जाएगा। नियम 1 में विनिर्दिश्ट वृक्षों को काटने की अनुमति नियम 2 (एक) वृक्षों या उनके भाग से जीवन और संपत्ति की कोई हानि या नुकसान होने की संभावना हो अथवा उससे पीने के पानी के दूशित होने की संभावना हों, 2 (दो) वृक्ष सूख गए हो, या सूख रहे हों, (तीन) वृक्षों को हटाने से किसी लोकोपयोगी स्थान की सुंदरता या सुविधाओं में वृद्धि होने की संभावना हो, कलक्टर दे सकेगा। लेकिन जिस स्थान पर 176 वृक्ष है उसके आस-पास मुख्यमार्ग और आबादी क्ष्ोत्र लगा हुआ है। ऐसे में इसकी कटाई से पर्यावरण को नुकसान पहंुच सकता है।
आवेदनकर्ता ने बताया कि वृक्षों के काटने के संदर्भ में छत्तीसगढ राज्य मंे बनाएं गए नियम 1 (ख) कोई वृक्ष किसी सड़क या बैलगाड़ी के रास्ते के मध्य से 15 मीटर तथा किसी पगडंडी से 6 मीटर के भीतर न तो काटा जाएगा न गिराया जाएंगा, न उसका तना छीलकर घेरा जाएगा और न उसे अन्यथा नुकसान पहुंचाया जाएगा। नियम 1 में विनिर्दिश्ट वृक्षों को काटने की अनुमति नियम 2 (एक) वृक्षों या उनके भाग से जीवन और संपत्ति की कोई हानि या नुकसान होने की संभावना हो अथवा उससे पीने के पानी के दूशित होने की संभावना हों, 2 (दो) वृक्ष सूख गए हो, या सूख रहे हों, (तीन) वृक्षों को हटाने से किसी लोकोपयोगी स्थान की सुंदरता या सुविधाओं में वृद्धि होने की संभावना हो, कलक्टर दे सकेगा। लेकिन जिस स्थान पर 176 वृक्ष है उसके आस-पास मुख्यमार्ग और आबादी क्ष्ोत्र लगा हुआ है। ऐसे में इसकी कटाई से पर्यावरण को नुकसान पहंुच सकता है।