सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अमानक दवाई देकर जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहे

  • मरीज किस पर भरोसा करें सरकारी अस्पताल में अमानक दवाई मिल रहा
 

रायपुर/20 अगस्त 2025। सीजीएमएससी के द्वारा खरीदी गई दवाई अमानक मिलने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधार नहीं पा रहे। मरीज का सरकारी अस्पतालों से भरोसा टूट रहा है। जिन सरकारी अस्पतालों में इलाज हो भी रहा है उन सरकारी अस्पतालों में मरीज के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा, अमानक दवाईयां दी जा रही है। बीमारी से परेशान मरीज हताश, परेशान सरकारी अस्पताल उपचार कराने के लिए जाता है लेकिन उसका भरोसा को तोड़ने का काम सीजीएमएससी के द्वारा की गई है। दवा खरीदी में जो लापरवाही बरती गई है बीमारी से जूझ रहे मरीजों के ऊपर वज्रपात  है।


प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अंबेडकर अस्पताल, डीके सुपरस्पेशलिटी से लेकर जिला अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मोबाईल चिकित्सा यूनिट आंगनबाड़ी केंद्र एवं मितानिनों के द्वारा गर्भवती महिला एवं बच्चों को दवाईयां दी जा रही है वह सारे अमानक पाये जा रहे हैं। दवा वितरण करने के बाद उन दवाइयों को अमानक मानकर प्रतिबंधित किया जा रहा है यह तो घोर लापरवाही है, जो मरीज उन दवाईयों का उपयोग कर चुके हैं उनके स्वास्थ्य में जो समस्या खड़ी हुई है उनके लिए जिम्मेदार कौन है? छोटे बच्चों को 14 महीने से क्रीमी की दवाई दी जा रही है उसे अमानक मान कर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है। 14 महीने से जिन बच्चों को दवाइयां दी गई है उनके स्वास्थ्य में जो खराबी आई है उसके लिए जिम्मेदार कौन है? सरकारी अस्पताल में ग्लूकोज की बोतल चढ़ाने पर तबीयत खराब हो जा रहा है, फफूंद लगी दवाईयां दी जा रही है, पेरासिटामोल टैबलेट, सर्जिकल ब्लेड, फिनाइटोइन इंजेक्शन, हेपरिन इंजेक्शन, सेफिट्रएक्सोन पाऊडर फॉर इंजेक्शन, प्रमोडल 50एमजी, प्रोटिमिन इंजेक्शन, ग्लूकोज ड्रिप, एल्बेंडाजोल टेबलेट, प्रेग्नेंसी किट सहित कई दवाईयां अमानक है इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को अस्पतालों का निरीक्षण करने की फुर्सत नहीं है, उन्हें शराब दुकानों के निरीक्षण में ज्यादा रुचि है और सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाईयां मिल रही है, स्वास्थ्य मंत्री जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें अपने पद इस्तीफा दे देना चाहिए इस प्रकार से मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।

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