सरकारी अस्पताल में मरीजों को जांच के लिए तारीख दी जा रही, फिर इलाज कब होगा?
- सरकारी अस्पताल में जांच की मशीन खराब मरीज निजी अस्पतालों में महंगी जांच और इलाज कराने मजबूर
रायपुर. सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मेकाहारा सहित प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में गंभीर बीमारी के मरीजो की जांच के लिए उन्हें 15 दिन और एक महीने बाद का समय दिया जा रहा है, ऐसे में गंभीर बीमारी के मरीज की जब तक जांच नहीं होगी इलाज कैसे शुरू हो पाएगा, यह तो मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ की जा रही है। मरीजो को निजी लैब औऱ निजी अस्पतालों में ईलाज कराने मजबूर किया जा रहा है। भाजपा सरकार बनने के बाद सरकारी अस्पतालो की व्यवस्था बेहद खराब हो गई है। सरकारी अस्पतालों में जांच की मशीन खराब पड़ी है, दवाईंयां, इंजेक्शन की कमी है, टीबी, केंसर, एड्स की दवाई समय पर मिल नही रहा है। चिकित्सक सरकारी अस्पतालो को छोड़कर जा रहे है। गरीब जनता का इलाज कहाँ होगा?
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल में मेकाहारा में लिनियर एक्सीलरेटर, सिटी सिम्युलेटर कोबाल्ट मशीन, ब्रेकी थेरेपी मशीन, मैमोग्राफी मशीन, सीटी स्कैन मशीन, डीएसए मशीन, एक्स-रे एवं सोनोग्राफी मशीन,एमआरआई मशीन खराब है, ब्लड टेस्ट में उपयोग होनी वाली किट की कमी है। डायलिसिस मशीन बंद पड़ी है। इन मशीनों के खराब होने के चलते कैंसर की सिकाई, ईलाज, बच्चेदानी का ईलाज महिलाओं की जांच, किडनी की बीमारी का ईलाज, सब प्रभावित है। हार्ट की सर्जरी बीते कई माह से बंद है। मेकाहारा में जून माह में जांच और ईलाज नहीं होने के कारण 133 से अधिक मरीज में से 46 से अधिक मरीज मेडिकल एडवाइजरी लेकर निजी अस्पतालो में ईलाज कराने चले गए जून माह में गम्भीर अवस्था के 52 से अधिक मरीज की मौत हो गई। मेकाहारा में प्रतिदिन सेकड़ों मरीज ईलाज कराने आते है लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दिया जाता है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार में सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा जानबूझकर सुधारी नहीं जा रहा है, ताकि निजी सेक्टर के बड़े-बड़े मल्टी हॉस्पिटलों में मरीज इलाज कराने मजबूर हो जाए। निजी अस्पतालों में ईलाज करने के चलते मरीज एवं उनके परिजन कर्ज के बोझ में दब जाते है, उनकी घर, खेती, सोने-चॉदी सब बिक जाती है, कई मामले में गरीब आदमी निजी सूदखोरों के चुंगलु में फंसे है। निजी अस्पतालों के बिल को लेकर भी विवाद हो रहा है।ये सब भाजपा सरकार नाकामी है।


