दुनिया में सबसे ज्यादा पौष्टिक होती है भारतीय थाली, Weight loss में मददगार, दूर करती है ये बीमारियां!

देश के तमाम हिस्सों की भारतीय थाली पोषक तत्वों से भरपूर है और इसे खाने से कई स्वस्थ्य लाभ मिलते हैं।

भारतीय व्यंजन (Indian cuisine) रंग, स्वाद और पोषक तत्वों (Nutrients) से भरपूर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों (variety of dishes) और सामग्रियों का एक आदर्श मिश्रण (perfect blend) है। यूं तो देश के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न तरह के जायके फेमस हैं, बावजूद इसके हर हिस्से में एक थाली का प्रचलन है।

भारतीय थाली एक पारंपरिक थाली है, जिसमें अचार, दही, मीठा और मसालों के साथ 10 से अधिक प्रकार दूसरे जायके भी होते हैं। यहां हम आपको ऐसे कुछ कारण बता रहे हैं जिनके जरिए यह साबित हो जाता है भारतीय थाली सबसे अधिक पौष्टिक भोजन क्यों है। आइए जानते हैं विस्तार से….

थाली त्योहारों, शादियों के दौरान परोसी जाती है और यह एक रेस्तरां के मेनू का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। परोसा जाने वाला भोजन एक पत्ते से लेकर चांदी की थाली में भी हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप भारत के किस हिस्से में हैं। लेकिन एक सामान्य बात यह है कि भोजन सभी जगहों पर अत्यधिक पौष्टिक होता है। जब आपके स्वास्थ्य की देखभाल करने की बात आती है तो भारतीय थाली सभी पोषक तत्वों का एक उत्तम मिश्रण है और एक उत्तम भोजन है।

भारत के सभी राज्यों में भारतीय थाली के अपने-अपने वेरिएंट हैं। हालांकि, उनमें से प्रत्येक पोषक तत्वों और भोजन के संतुलित हिस्से के साथ एक प्रदान करते हैं। एक सामान्य थाली में आमतौर पर दाल, चपाती, चावल, सब्जियां, दही, पुदीना, चटनी, छाछ/चाय और अचार होता है। ये व्यंजन प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
एक थाली में दाल, चपाती, सब्जी और चावल का पर्याप्त अनुपात होता है। यह एक उत्तम कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन संयोजन है, जो आपको ऊर्जा प्रदान करता है और वजन को प्रबंधित करने में मदद करता है। दाल में आवश्यक अमीनो एसिड और प्रोटीन होते हैं, जो मांसपेशियों के विकास के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स हैं और बदले में शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करते हैं।
जड़ी-बूटियों और मसालों से भरपूर, भारतीय थाली हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है। इसमें ऐसे कई व्यंजन होते हैं जिससे हमारे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि एक मजबूत इम्यून सिस्टम ही हमे कोविड सहित तमाम तरह के वायरल इंफेक्शन से बचाता है। इस तरह से ये प्रतिरक्षा को बढ़ाकर आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करती है।
इम्यूनिटी बूस्ट करने के अलावा भारतीय थाली आंत और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकती है। काली मिर्च, अदरक, लहसुन, जीरा, लौंग, हींग, पुदीना, कढ़ी पत्ता जो थाली के व्यंजन बनाने में इस्तेमाल किया जाता है, वह न सिर्फ आपको स्वाद देता है बल्कि इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीवायरल और एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं।थाली के व्यंजनों में मौसूज मसूर भी प्रीबायोटिक्स का एक अच्छा स्रोत है, जो आंत के बैक्टीरिया को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। दही प्रोबायोटिक्स का एक अच्छा स्रोत है, जो आंत के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। इतना ही नहीं, संतुलित आहार मधुमेह, हृदय रोग और रक्तचाप जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है।

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