भारतीय रेलवे ने नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के जरिए ट्रेन चलाने का ऐतिहासिक फैसला लिया


बिलासपुर. देश में हाइड्रोजन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के तहत रेलवे ने बजट में हुई घोषणाओं को ध्यान में रखते हुए बड़ा कदम उठाया है । इससे ग्रीन एनर्जी को यूटिलाइज किया जा सकता है, जिससे कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्पादन जीरो होता है। इंडियन रेलवे ऑर्गनाइजेशन ऑफ अल्टरनेट फ्यूल (IROAF) ने उत्तर रेलवे के 89 किमी सोनीपत-जींद सेक्शन में एक डीजल इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (DEMU) को रेट्रोफिटिंग करके हाइड्रोजन फ्यूल आधारित तकनीक के विकास के लिए बोली मंगाई है ।भारत में शुरुआत में डेमू (DEMU) गाड़ियों के दो रैक में बदलाव करके हाइड्रोजन फ्यूल सेल लगाए जाएंगे । डीजल से चलने वाली डेमू को हाइड्रोजन सेल तकनीक में बदलने से ना सिर्फ राजस्व की बचत होगी, बल्कि हर साल बड़ी मात्रा में  नाइट्रोजन डाई आक्साइड (NO2) और कार्बन कणों का उत्सर्जन भी कम होगा ।यह अब तक का सबसे ज्यादा स्वच्छ ऊर्जा मॉडल माना गया है ।  इस प्रयोग के सफल होने के बाद डीजल से चलने वाले सभी इंजनों को हाइड्रोजन फ्यूल सेल इंजन में परिवर्तित किया जाएगा । हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित डेमू रेक के लिए बोलियां 21 सितंबर 2021 से शुरू होंगी और 5 अक्टूबर तक चलेंगी ।

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