वेदों, पुराणों, ग्रंथों में बताए प्रेरणा प्रसंगों का प्रसार नहीं किया गया तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हमारी भावी पीढ़ी को भुगतने पड़ेंगे : चिन्मयानंद बापू

बिलासपुर. राठौर परिवार के द्वारा मोपका में श्री राम कथा का आयोजन किया गया। कथा वाचक राष्ट्रिय संत श्री चिन्मयानंद बापू जी ने अपने श्रीमुख से कथा का रसपान कराते हुए प्रभु श्रीराम के भक्त गोस्वामी तुलसीदास की रचनाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि श्रीराम की लीलाओं का जो वर्णन तुलसीदास जी ने किया है उससे हमें प्रभु श्री राम की तरह मर्यादित होकर अपने जीवन के उत्तरदायित्व को निभाना चाहिए।

पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रचलन से भारतीय संस्कृति के मूल्यों पर प्रहार हो रहा है
श्री चिन्मयानंद बापू ने कहा कि आज पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रचलन के कारण जिस प्रकार से भारतीय संस्कृति के मूल्यों पर प्रहार हो रहा है, उसी के परिणामस्वरूप आज हमारी युवा पीढ़ी तेजी से भ्रमित हो रही है। ऐसे में यदि भारतीय संस्कृति वेदों,पुराणों,ग्रंथों में बताए प्रेरणा प्रसंगों का प्रसार नहीं किया गया,तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हमारी भावी पीढ़ी को भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि विद्वान बनना आसान है। सुजान और महान बनना भी आसान है,लेकिन इंसान बनना कठिन है। श्री राम कथा आदर्श पथ पर चलने की प्रेरणा देती है। भगवान राम का चरित्र जहां एक ओर पारिवारिक रिश्तों की अहमियत को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर जाति-पाती के भेदभाव को मिटाकर मानव मात्र में सौहार्द की भावना जगाता है।
जिला पंचायत सभापति ने अंकित गौरहा ने श्री चिन्मयानंद बापू से लिया आर्शीवाद
जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने श्री राम कथा श्रवण कर श्री चिन्मयानंद बापू जी से भेंट कर क्षेत्रवासियों की सुख समृद्धि और विकास के लिए उनसे आशीर्वाद मांगा।

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