रीपा का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश
बिलासपुर. कलेक्टर सौरभ कुमार ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाकर गांवों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना रीपा का उद्देश्य है। रीपा शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। गांव के कुटीर उद्योग भारत की आत्मा है। गांवों की उन्नति से ही देश की उन्नति संभव है। कलेक्टर आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क ‘‘रीपा’’ के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कलेक्टर ने कार्यशाला में रीपा से जुड़े सभी अधिकारी-कर्मचारी, स्व सहायता समूह की महिला और क्रियान्वयन एजेंसी के प्रतिनिधियों को रीपा का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती जयश्री जैन ने विस्तार से रीपा के लिए जिले में संचालित की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी।
कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप जिले के 4 विकासखण्डों में 8 रीपा संचालित होंगे। उन्होंने कहा कि रीपा की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं और स्व सहायता समूह की महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना है। कलेक्टर ने निर्माण कार्य हेतु अच्छी गुणवत्ता की निर्माण सामग्रियों का उपयोग सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने रीपा के उत्पादों की ब्रांडिग, रीपा के सफल संचालन के लिए विभिन्न गतिविधियों आदि के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला। कलेक्टर ने कहा कि मार्केटिंग के लिए सक्रिय लोगों का चिन्हांकन करें तथा टीम को इसके लिए तैयार रखें। उन्होंने सभी से कहा कि मन लगाकर सीखें और प्रशिक्षण प्राप्त करें। कलेक्टर ने कार्यशाला में उपस्थित ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं स्व सहायता समूह की महिलाओं से रीपा के संबंध में प्रतिक्रिया और गोठानों में किए जा रहे विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों की जानकारी ली। प्रशिक्षण के दौरान सभी ने आपसी संवाद एवं परिचर्चा के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया और अपने-अपने अनुभवों को साझा किया।
गौरतलब है कि बिल्हा ब्लाॅक में ग्राम पंचायत धौरामुड़ा, अकलतरी, कोटा ब्लाॅक में रानीगांव और करगीकला, मस्तूरी विकासखण्ड में वेद परसदा और बेलटुकरी में और तखतपुर विकासखण्ड में गनियारी और बेलपान में रीपा स्वीकृत किया गया है। यहां बांस, शिल्प इकाई, पोहा उत्पादन, मत्स्य सह उत्पाद केंद्र, मिनी पशु आहार ईकाई, माईक्रो लेयर पोल्ट्री, मिल्क प्रोसेसिंग ईकाई, एचडीपीई बैग निर्माण, मशरूम उत्पाद, फ्लाई ऐश ब्रिक्स निर्माण, गारमेंट निर्माण, दोना-पत्ता निर्माण आदि गतिविधियां प्रस्तावित है। कार्यशाला में उद्योग विभाग, पशुधन विकास विभाग, नाबार्ड, आरईएस, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र, उद्यानिकी विभाग, रेशम विभाग, हस्तशिल्प, मत्स्य विभाग और खादी ग्राम उद्योग विभाग द्वारा रीपा में प्रस्तावित गतिविधियों के संबंध में विस्तार से हितग्राहियों को जानकारी और प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में जिला पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, विभागीय अधिकारी, सरपंच-सचिव सहित बड़ी संख्या में महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं, युवा मितान क्लब के सदस्य और उद्यमी मौजूद थे।